अगर आप भी कान साफ करने के लिए ईयरबड्स का इस्तेमाल करते है तो सावधान हो जाइये. वैज्ञानिकों के मुताबिक बच्चों के कान साफ करने के लिए अगर ईयरबड्स इस्तेमाल करते है तो इससे उनको गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि 1990 से 2010 तक 18 साल के बच्चों को कान संबंधी दिक्क्तों का इलाज अस्पताल के आपातकालीन विभागों में किया गया था.
बता दें आज देश में विश्व हियरिंग दिवस मनाया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वर्ष की थीम ‘चैक योर हियरिंग’ रखी है. आमजन खुद अपने सुनने की क्षमता की जांच कर सकें, इसके लिए डब्लूएचओ ‘हियर डब्ल्यूएचओ’ ऐप लाया है. इसको आमजन गूगल प्ले स्टोर और एपल प्ले स्टोर से इंस्टाल कर सकते हैं.
इयर कैनाल आम तौर पर खुद ही कान में जमी वैक्स की सफाई करते है. ईयरबड्स इस्तेमाल करने से कान में जमा मैल बाहर निकलने की बजाए कान के और अंदर चली जाती है. ऐसा होने से कान के अंदर गंभीर चोटे आने के साथ साथ कान संबंधी बीमारियां भी हो सकती है.
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शोधकर्ताओं ने पाया कि 73 प्रतिशत कान के अंदर चोट कॉटन बड्स के इस्तेमाल करने के कारण होती है. बच्चों को इससे दस प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है.
अगर आप बच्चों के कान साफ करने के लिए ईयरबड्स का इस्तेमाल करते है तो सावधान हो जाइये. 77 प्रितशत बच्चे खुद ईयरबड्स का इस्तेमाल करते हुए चोटिल हुए , 16 प्रतिशत बच्चे तब जब बच्चों के माता-पिता ने उनके कान साफ करने के लिए बड का इस्तेमाल किया.
ईयरबड्स या रूई के जरिए कान की सफाई करते हैं तो इससे आपको बहरापन हो सकता है.
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ईयरबड्स अक्सर हम खुद इस्तेमाल करने के साथ साथ बच्चों के कान साफ करने के लिए भी इस्तेमाल करते है. बेवजह कान साफ करना कोई मामूली बात नहीं है.
ईयरबड्स से कान साफ करने से कान की नसों में दिक्कतें आती है.
बार-बार इसे कान में डालने पर कान की नली का छेद चौड़ा हो जाता इससे कान में धूल मिट्टी आसानी से चली जाती है जो कान को नुकसान पहुंचाती है.
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Source : News Nation Bureau