Bharat Biotech ने दी सफाई, Covaxin की डोज का व्यक्ति की मौत से कोई संबंध नहीं

मध्यप्रदेश में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर की कथित रूप से मौत के मामले में कंपनी का बयान सामने आया है.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
covid 19 vaccine

Covaxin की डोज का व्यक्ति की मौत से कोई संबंध नहीं : Bharat Biotech( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

मध्यप्रदेश में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर की कथित रूप से मौत के मामले में कंपनी का बयान सामने आया है. भारत बायोटेक ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि व्यक्ति की मौत कोरोना वैक्सीन के डोज के कारण ही हुई है. हैदराबाद स्थित कंपनी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यह मृत्यु वैक्सीन से संबंधित नहीं है, बल्कि व्यक्ति की मौत कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होने के कारण हुई है. इसके अलावा जांच में जहर के कारण मौत की वजह बताई जा रही है.

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा, गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल द्वारा जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार और भोपाल पुलिस की जांच रिपोर्ट में जो बताया गया है, उसके अनुसार व्यक्ति की मौत कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होने के कारण हुई है. इसके अलावा जांच में जहर भी मौत की वजह बताई जा रही है.

कंपनी ने कहा कि वैक्सीन की डोज के नौवें दिन वालंटियर की मौत इस बात को स्पष्ट करती है कि यह ट्रायल से जुड़ा मामला नहीं है. कंपनी ने कहा, प्रारंभिक समीक्षाओं के नौ दिनों के बाद स्वयंसेवक का निधन हो गया, यह दर्शाता है कि मृत्यु अध्ययन डोजिंग से संबंधित नहीं है.

दरअसल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल के एक निजी अस्पताल में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल के दौरान टीका लगवाने वाले 42 वर्षीय वालंटियर की कुछ दिनों बाद ही कथित तौर पर 21 दिसंबर को मौत हो गई थी.

कोवैक्सीन के लिए चल रहे नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) में भाग लेने वाले व्यक्ति की मौत के बाद वैक्सीन पर सवाल खड़े होने लगे, जिसके बाद अब कंपनी ने सफाई दी है. कंपनी ने स्पष्टीकरण देने के साथ ही मृतक के परिवार के साथ सहानुभूति भी व्यक्त की है. कंपनी ने कहा, हमारी सहानुभूति मृतक के परिवार के साथ है.

भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि तीसरे चरण के ट्रायल के सभी मानदंडों को पूरा किया गया था और सात दिनों के पोस्ट कॉल में वांलटियर में कोई प्रभाव भी नहीं पाया गया था और व्यक्ति स्वस्थ था तथा उसकी सारी रिपोर्ट भी ठीक थी.

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने तीन जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन कोविशिल्ड के साथ ही भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी प्रदान की थी. इस मंजूरी के साथ ही वैक्सीन निर्माता कंपनियों का बड़े पैमाने पर अपना टीकाकरण अभियान चलाने का मार्ग प्रशस्त हुआ था. भारत बायोटेक की ओर से निर्मित की गई कोवैक्सीन एक स्वदेशी वैक्सीन है.

Source : IANS

covaxin Bharat Biotech Hyderbad भारत बायोटेक कोवैक्‍सीन Volunteer तीसरा फेज ट्रायल
Advertisment
Advertisment
Advertisment