भारत में बनी कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन काफी असरदार है और 617 वैरिएंट के खिलाफ कारगर है. खुद व्हाइट हाउस के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉ एंथनी फाउची ने ये बात कही है. उन्होंने साफ कहा कि कोरोना की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ वायरस के 617 वेरिएंट के खिलाफ कारगर है. कोरोना वायरस म्युटेशन की खबरें लगातार आ रही हैं और लगातार इसके वैरिएंट की खबरें भी आ रही हैं. यूके वैरिएंट, ब्राज़ील वैरिएंट, साउथ अफ्रीका वैरिएंट.... हर वैरिएंट कितना संक्रामक है इसको लेकर चर्चा है. वहीं दुनिया भर में सामने आ रहे वैरिएंट और म्युटेशन पर कोरोना की वैक्सीन काम करेगी इसको लेकर सवाल उठ रहे है.
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व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार और अमेरिका के शीर्ष महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फौसी ने दावा किया है कि कोरोना के 617 वैरिएंट को बेअसर करने में कोवैक्सिन कारगर है. डॉ. एंथनी ने कहा कि भारत में एक बार फिर महामारी बेकाबू हो गई है. भारत में कोवैक्सिन लगवाने वाले लोगों के डेटा से वैक्सीन के असर के बारे में पता चला है. इसलिए भारत में मुश्किल हालात के बावजूद वैक्सीनेशन काफी अहम साबित हो सकता है.
आईसीएमआर का दावा-'कोवैक्सिन' डबल म्यूटेंट खिलाफ भी कारगर
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 20 अप्रैल को कहा था कि कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट के खिलाफ भी प्रोटेक्शन देती है. अपने अध्ययन के आधार पर आईसीएमआर ने कहा कि ब्राजील वैरिएंट, यूके वैरिएंट और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर भी ये वैक्सीन असरदार है और उनके खिलाफ भी यह प्रोटेक्शन देती है. देश में चल रही कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए इन वैरिएंट्स को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. दरअसल, देश के 10 राज्यों में सामने आया है कि डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट सबसे घातक है. यह न केवल तेजी से ट्रांसमिट होता है, बल्कि बहुत कम समय में बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.
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क्या है वैरिएंट 617 ?
भारत में कोरोना के मामलों में आई अचानक तेजी की वजह 617 वैरिएंट को ही माना जा रहा है. इस वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले दिल्ली और महाराष्ट्र में आ रहे हैं.
कोवैक्सीन : क्लीनिकल ट्रायल में 78 फीसदी तक प्रभावी
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने कोवैक्सिन के तीसरे फेज की अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल रिपोर्ट में कहा था कि कोवैक्सिन क्लीनिकली 78 फीसदी और कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों पर 100 फीसदी तक असरदार है. कंपनी ने अपने विश्लेषण में कोरोना के 87 लक्षणों पर रिसर्च की थी. वैक्सीन को लेकर अंतिम रिपोर्ट जून में जारी की जाएगी.