स्तन कैंसर अब भारतीय महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर बन चुका है। शुरुआती पहचान में देरी की वजह से स्तन कैंसर का समय पर इलाज नहीं हो पाता।
एक रिसर्च की रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि 2020 तक हर साल करीब 76,000 भारतीय महिलाओं की मौत हो सकती है। रिसर्च में कहा गया है कि यह भारत में आम तौर पर महिलाओं में होने वाले कैंसर में से एक है। स्तन कैंसर से 2012 में 70,218 जानें गईं। इस रिसर्च का प्रकाशन जर्नल ऑफ बिजनेस रिसर्च में किया गया है।
इसमें यह भी कहा गया है कि बीमारी से मरने वालों की औसत उम्र 50 साल से बदलकर 30 साल हो गई है।
दुबई के वोलोगोंग यूनिवर्सिटी के सहायक डीन (रिसर्च) विजय पेरेरा ने कहा कि इस समस्या का परिमाण भयावह है और इसका भारत सरकार की नीति पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
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पेरेरा ने कहा, 'यह राष्ट्रीय, राज्य व सामुदायिक स्तर पर कड़ी चुनौती है।' उन्होंने कहा, 'इससे स्पष्ट है कि राज्य स्तर पर स्वास्थ्य देखरेख में गुणात्मक देखभाल व जागरूकता में बदलाव लाया जाना चाहिए।'
स्तन कैंसर का पता लगाने का प्रमुख तरीका है, स्तन कैंसर सजगता कार्यक्रम, जिसमें शिक्षा, परीक्षण और मैमोग्राफी तथा ब्रेस्टल अल्ट्रा साउंड जैसे जांच उपकरण शामिल हैं।
इन सबके साथ-साथ लाइफस्टाइल में सुधार भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खानपान, प्रदूषण और मानसिक तनाव भी महिलाओं में बढ़ते स्तन कैंसर का कारण हैं।
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Source : News Nation Bureau