Advertisment

World Cancer Day: ब्रेस्ट कैंसर से हैं ग्रसित तो घबराएं नहीं, अब 65% से भी कम दाम पर उपलब्ध है दवा

भारत में हर आठ में एक महिला स्तन कैंसर (Breast cancer) की चपेट में है. विशेषज्ञों का कहना है कि स्तन कैंसर इस बीमारी के सभी प्रकारों में सबसे आम है और भारत में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
World Cancer Day: ब्रेस्ट कैंसर से हैं ग्रसित तो घबराएं नहीं, अब 65% से भी कम दाम पर उपलब्ध है दवा

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और उपाय( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

Advertisment

भारत में हर आठ में एक महिला स्तन कैंसर (Breast cancer) की चपेट में है. विशेषज्ञों का कहना है कि स्तन कैंसर इस बीमारी के सभी प्रकारों में सबसे आम है और भारत में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. वहीं इसके मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए नई और सस्ती दवा का ऐलान किया है, जिसका नाम ट्रैस्टूजुमाब (Trastuzumab) है. ये एक बायोसिमिलर दवा है, जिसका मतलब है कि इसे जिंदा स्रोतों जैसे कोशिकाओं से बनाया गया है ना कि किसी केमिकल से. इसकी कीमत भी सामान्य दवा के मुकाबले 65% तक कम होगी.

और पढ़ें: सरवाईकल कैंसर को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, इन लोगों को होता है सबसे ज्यादा खतरा

WHO के डायरेक्टर जनरल टेडरोस घेब्रेयेसुस का कहना है, 'WHO की दवा ट्रैस्टूजुमाब दुनियाभर की महिलाओं के लिए गुड न्यूज है क्योंकि गरीब देशों में महंगी दवाइयों के कारण इलाज काफी महंगा है, किफायती और असरदार इलाज हर महिला का अधिकार है.'

बाजार में पहले से ट्रैस्टूजुमाब दवाई के कई बायोसिमिलर वर्जन मौजूद हैं लेकिन यह पहली दवा है जिसे WHO ने प्रीक्वॉलिफाई किया है. इस पूरी प्रक्रिया में दवा और दूसरे हेल्थ प्रॉडक्ट्स की क्वॉलिटी, सेफ्टी और वह कितना असरदार है इस बात की जांच की जाती है।.जब कोई दवा या हेल्थ प्रॉडक्ट WHO द्वारा प्रीक्वॉलिफाई हो जाता है फिर वह WHO की वेबसाइट पर खरीददारी के लिए उपलब्ध होता है.

साल 2024 तक होंगी 31 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार

WHO के मुताबिक, साल 2040 तक करीब 31 लाख से भी ज्यादा महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार होंगी और खासकर लो और मीडिल इनकम देशों में मरीजों की संख्या ज्यादा होगी. बता दें कि  साल 2018 में करीब 21 लाख महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर हुआ था, जिसमें से करीब 6 लाख 30 हजार महिलाओं की मौत बीमारी की देर से डायग्नोसिस और महंगे इलाज की वजह से हुई थी.

और पढ़ें: स्तन कैंसर के खतरे को कम करते हैं ये 5 खाद्य पदार्थ, आज ही अपने डाइट में करें शामिल

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को समय रहते पहचान लें

  • ब्रेस्ट में गांठ महसूस होना
  • निपल से चिपचिपा पदार्थ निकलना
  • निपल के साइज में असामान्य बदलाव
  • लालगी दिखाई देना
  • लगातार दर्द रहना

अपनाएं ये उपाय

  • इस बीमारी से बचने के लिए शराब और एल्कोहल से दूरी बनाएं.
  • इसके अलावा मसालेदार भोजन, जंक फूड्स और प्रोसेस्ड फूड्स खाने से भी बचें.
  • दिनचर्या में योग या एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें.
  • हर रोज कम से कम आधा घंटा पैदल जरूर चलें और हफ्ते में 3 घंटे दौड़ लगाएं.
  • मोटापे को कंट्रोल करें.

ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के कारण

डॉ. राजेश चितलांगिया के मुताबिक स्तन कैंसर (Breast Cancer) के बारे में जानने के लिए शरीर रचना के बारे में जानना बहुत जरूरी है. स्तन का मुख्य कार्य अपने दुग्ध उत्पादक ऊतकों (टिश्यू) के माध्यम से दूध (Breast Milk) बनाना है. ये टिश्यू (Breast tissues) सूक्ष्म वाहिनियों के जरिये निप्पल से जुड़े होते हैं. इसके अलावा इनके चारों ओर कुछ अन्य टिश्यू, रक्त वाहिकाएं, फाइब्रस मैटेरियल, फैट, नाड़ियां और कुछ लिंफेटिक चैनल होते हैं, जो स्तन की संरचना को पूरा करते हैं. ज्यादातर स्तन कैंसर डक्ट में छोटे कैल्शिफिकेशन (सख्त कण) के जमने से या स्तन के टिश्यू में छोटी गांठ (Lump in Breast) के रूप में बनते हैं और फिर बढ़कर कैंसर में ढलने लगते हैं. इसका प्रसार लिंफोटिक चैनल या रक्त प्रवाह के जरिये अन्य अंगों की ओर हो सकता है.

ये भी पढ़ें:'एलईडी की नीली रौशनी से स्तन, प्रोस्टेट कैंसर का खतरा'

- गलत लाइफस्टाइल और खानपान के कारण महिलाएं तेजी से ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की चपेट में आ रही है. ब्रा में सेलफोन रखने, शराब या धूम्रपान, गलत एंटीपर्सपिरेंट, बर्थ कंट्रोल पिल्स, हार्मोनल बदलाव और आयोडीन की कमी के कारण हो सकती हैं. इसके अलावा बढ़ा हुआ वजन, बढ़ती उम्र, ज्यादा उम्र में पहले बच्चे का जन्म से भी ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा आनुवंशिकता के कारण भी यह बीमारी होती है.

- 12 साल की उम्र से पहले ही पीरियड्स आना, हार्मोन एस्ट्रोजन का ज्यादा स्राव. 30 साल की उम्र के बाद प्रैग्नेंट होना और बर्थ कंट्रोल पिल्स का अधिक सेवन करना. 55 की उम्र के बाद पीरियड्स बंद होना और बॉडी में जनेटिक बदलाव के कारण. मोनोपॉज के बाद हार्मोन रिप्लेसमेंट कराने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा 20 गुणा ज्यादा होता है.

breast cancer WHO breast cancer causes Breast Cancer Medicine Breast Cancer Symptoms And Precautions
Advertisment
Advertisment
Advertisment