पूरा देश कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन पर आंखें गड़ाए हुए था कि बर्ड फ्लू के प्रकोप ने एक बार फिर स्वास्थ्य को लेकर सिहरन पैदा कर दी है. इस बार राजस्थान से शुरू हुआ बर्ड फ्लू अब तक जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक फैल चुका है. केरल में तो इसे राजकीय आपदा घोषित करने की मांग उठ रही है. वहीं, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल में अलर्ट जारी कर दिया गया है. मध्यप्रदेश के मंदसौर में 15 दिन के लिए नगरीय इलाके में स्थित चिकन दुकान और पोल्टीफार्म बंद कर दिया गया है. वहीं हरियाणा में अब तक 4 लाख पोल्ट्री पशुओं की मौत की खबर से हड़कंप मचा हुआ है. इस बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को भेजी एडवाइजरी में राष्ट्रीय कार्ययोजना को अमल में लाने को कहा है.
राजस्थान के बारां, कोटा और झालावार में कौव्वों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है तो मध्यप्रदेश के मंदसौर, इंदौर और मालवा में भी कौओं में यह बीमारी फैली हुई है और सैकड़ों कौओं की अब तक मौत हो चुकी है. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू फैल गया है तो केरल के कोट्टायम और आलापुझा में पोल्ट्री डक यानी घरेलू बत्तख में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट है.
केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने भी एक कंट्रोल रूम भी बनाया है, जहां रोजाना आधार पर प्रदेशों से बर्ड फ्लू की स्थिति और किए जा रहे रोकथाम के उपायों का जायजा लिया जा रहा है.
क्या है बर्ड फ्लू और कितना खतरनाक है?
बर्ड फ्लू (Bird Flu) कोरोना की तुलना में ज्यादा घातक है. इसके 11 वायरस हैं जो इंसानों को संक्रमित करते हैं. हालांकि 11 में से केवल 5 वायरस ही इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं. ये हैं- H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2. यह पक्षियों के जरिए इंसानों में फैलता है. इन वायरसों को HPAI (Highly Pathogenic Avian Influenza) कहते हैं और इनमें सबसे खतरनाक H5N1 को माना जाता है.
कब-कब फैला बर्ड फ्लू?
दुनिया में अब तक चार बार बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैल चुका है. 60 से अधिक देशों में यह महामारी का रूप ले चुका है. 2003 से लेकर अब तक लगातार यह कभी-कभी अपना असर दिखाता रहता है. 2003 से अब तक H5N1 बर्ड फ्लू वायरस से 455 लोग मारे जा चुके हैं और 800 से अधिक संक्रमित हुए हैं. यानी इस बीमारी से मृत्यु दर 52.8% है. H5N1 हवा से तेजी से फैलता है और तेजी से म्यूटेशन भी करता है. WHO की रिपोर्ट की मानें तो 2008 में H5N1 से कुल संक्रमित लोगों में से 60 फीसदी लोगों की मौत हो गई थी.
H5N1 का पहला अटैक
सबसे पहले 1959 में H5N1 ने स्कॉटलैंड में मुर्गियों को चपेट में लिया था. 1991 में इंग्लैंड में टर्की पक्षी पर अटैक किया था. H5N1 ने चीन के गुआंगडोंग में पहली बार 1997 में इंसानों को संक्रमित किया. इसके बाद हॉन्गकॉन्ग में 18 लोग संक्रमित हुए और 6 की मौत हो गई थी. 2003 में इस वायरस ने दक्षिण कोरिया में अपना रूप बदलकर लोगों को संक्रमित करना शुरू किया.
किस राज्य में क्या तैयारी?
केरल में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट के बाद पड़ोसी राज्य कर्नाटक और तमिलनाडु भी सतर्क हो गए हैं. महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है. केरल में एच5एन8 को कंट्रोल करने के लिए मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मारा जा रहा है. मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रेसीडेंसी क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों को खोजने के लिए सर्वेक्षण जारी है, लेकिन अब तक किसी भी मनुष्य में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस का संक्रमण नहीं मिला है.
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग डैम लेक अभयारण्य के आसपास के इलाकों का सर्वेक्षण किया गया, जहां मृत प्रवासी पक्षियों के नमूनों में एच5एन8 पाया गया था. हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग के अफसरों ने बताया कि इलाके में अबतक 2700 प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं.
जम्मू-कश्मीर में भी मेहमान पक्षियों की जांच के लिए नमूने एकत्र करने शुरू कर दिए गए हैं. जम्मू-कश्मीर में अफसरों ने बताया कि पशुपालन एवं वन्यजीव विभाग के संयुक्त दलों ने जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर स्थित घराना वेटलैंड (आर्द्रभूमि) का दौरा कर 25 पक्षियों के नमूने लिए.
राजस्थान के कोटा और बांरा जिलों के पक्षियों के नमूनों के जांच परिणामों में भी एवियन इंफ्लूएंजा पाया गया है. अफसरों के अनुसार, राजस्थान के 33 जिलों में से 16 जिलों में मंगलवार सुबह तक पक्षियों की मौत का आंकड़ा 625 पहुंच गया.
Source : News Nation Bureau