टूथपेस्ट और हाथ धोने के साबुन सहित दूसरे उपभोक्ता उत्पादों में जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) व कवकरोधी (एंटीफंगल) ट्राइक्लोसन के इस्तेमाल से कोलन (बड़ी आंत) में सूजन और कैंसर पैदा हो सकता है। शोध के दौरान ट्राइक्लोसन का प्रयोग चूहों पर किया गया।
शोध के निष्कर्ष में कहा गया है कि थोड़े समय के लिए ट्राइक्लोसन की कम मात्रा से कोलन से जुड़ी सूजन शुरू हुई और कोलाइटिस से जुड़ी बीमारी बढ़ने लगी और कोलन से जुड़ा हुआ कैंसर चूहों में देखा गया।
शोध के निष्कर्ष का प्रकाशन पत्रिका 'साइंस ट्रांस्लेशनल मेडिसीन' में किया गया है।
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अमेरिका के मैसाचुएट्स-एमहेस्र्ट विश्वविद्यालय के गुओडोंग झांग ने कहा, 'इन परिणामों से पहली बार पता चला है कि ट्राइक्लोसन का आंत के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।'
पिछले शोध से पता चला था कि ट्राइक्लोसन की अधिक मात्रा का जहरीला प्रभाव पड़ता है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसके कम मात्रा का प्रभाव अस्पष्ट था।
इस नए शोध के लिए टीम ने चूहों को ट्राइक्लोसन की विभिन्न मात्रा वाले आहार खिलाया।
इसके परिणामों से पता चलता है कि मानव के खून के नमूनों की मात्रा वाले ट्राइक्लोसन की मात्रा चूहों पर इस्तेमाल करने से नियंत्रित जानवरों (चूहों) की तुलना में कोलन की सूजन ज्यादा विकसित दिखाई देती है।
इसके बाद और ट्राइक्लोसन के इस्तेमाल से चूहों में कोलन संबंधी सूजन और गंभीर हो गई।
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Source : IANS