कोरोना वायरस (Corona Virus) का भयाभय रूप अब देखने को मिल रहा है. वक्त के साथ साथ कोरोना के नए नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं तो दैनिक मामलों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. कोविड (Covid) के खतरे ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस संक्रमण को बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. हालांकि एक शोध में पता चला है कि बच्चे कोविड-19 के प्रति अन्य लोगों की तुलना में उतने संवेदनशील नहीं हैं. शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि बच्चों में सार्स-सीओवी-2 से अन्य लोगों के तुलना में संक्रमित होने की संभावना कम है. यही वायरस कोविड-19 का कारण बनता है.
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कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ मैनिटोबा से जेरेड बुलार्ड सहित शोधकर्ताओं के अनुसार, निष्कर्षों में महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य और नैदानिक पहलू शामिल हैं. सीएमएजे (कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल) में प्रकाशित अध्ययन के लिए, 14 शोधकर्ताओं के एक दल ने सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित 175 बच्चों और 130 वयस्कों के नमूनों का विश्लेषण किया, ताकि यह देखा जा सके कि क्या संक्रामकता के स्तर में अंतर है या नहीं.
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नासॉफिरिन्जियल स्वैब के सेल कल्चर्स का उपयोग करते हुए, उन्होंने यह निर्धारित करने के लिए दोनों समूहों में वायरल लोड की जांच की कि क्या बच्चे अधिक संक्रामक हैं. हालांकि शोध में स्पष्ट हुआ कि बच्चे अन्य लोगों की तुलना में संक्रमण के प्रति कम संवेदनशील हैं.
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कोरोनावायरस (Corona Virus) की वजह से भारत सहित अन्य काफी देशों में विशेष तौर पर प्राइमरी स्तर के बच्चों की सामान्य स्कूली कक्षाएं बाधित हैं. बच्चों को वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिए कक्षाएं स्थगित की गई हैं. शोध के निष्कर्ष ऐसे समय पर सामने आए हैं, जब भारत सहित कई देशों में कोरोना की एक नई लहर चल रही है.
( इनपुट - आईएएनएस )
HIGHLIGHTS
- कोरोना दिखा रहा भयाभय रूप
- बच्चों पर कोरोना अटैक पर शोध
- 'संक्रमित होने की संभावना कम'