घर पर छोटे बच्चों के साथ अक्सर पेरेंट्स पालू जानवर भी रख लेते हैं ताकि उनका मन लगा रहे. कई पैरेंट्स बच्चे को सुरक्षित रखने के ख्याल से घर पर पेट्स रखने से परहेज़ करते हैं. वैसे बच्चे की फिक्र होना और उसी वजह से घर पर कोई भी पालतू जानवर न रखने की सोच पैरेंट्स बच्चे का अच्छा सोचकर ही लेते हैं. क्या आप ये जानते हैं कि इन घर पर जानवर रखना कई बार बच्चों के लिए अच्छा साबित होता है. ये बच्चों की मेन्टल हेल्थ में भी असर करता है. तो आइये जानते हैं कैसे पेट्स का रखना आपके बच्चे के मानसिक विकास में करता है मदद.
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बच्चे में सहानुभूति बढ़ती है
घर में अगर पालतू जानवर हो, तो बच्चे उनसे प्यार करना सीखते हैं. इनमें जानवरों के प्रति सहानुभूति का भाव जागता है. जानवर के साथ रहते और उसकी ज़रूरतों को समझते हुए वह बड़ा होता है और दूसरों के प्रति सहानुभूति की जड़ें बच्चे के अंदर गहराई से विकसित होती हैं.
बच्चे ज़िम्मेदार बनते हैं
पालतू जानवरों की परवरिश करते हुए बच्चे ज़िम्मेदार बनते हैं. उन्हें पता होता है कि कुत्ते/बिल्ली या किसी और जानवर को कब खाना, पानी और प्यार की ज़रूरत होती है. जब बच्चे इन सब चीज़ों का ख्याल करने लग जाते हैं तब उन्हें आगे जिंदगी के लिए भी तैयार किया जा सकता है. और वो ज़िम्मेदार भी बनते हैं.
बच्चे के लिए थेरेपी हो सकते हैं पेट्स
पेट्स बच्चे के बेस्ट फ्रेंड हो सकते हैं. अगर बच्चा किसी भी बात से उदास है, तो थोड़ी देर अगर घर में मौजूद जानवर के साथ खेल ले, तो वह खुशी महसूस करेगा. इससे बच्चों का स्ट्रेस भी दूर होता है. उनके दिमाग पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है.
बच्चे सोशलाइज़ होते हैं
पेट्स की वजह से आपका बच्चा सोसाइटी के बाकी बच्चों के साथ घुलता-मिलता है. जब वह पेट्स के साथ बाहर जाते हैं या खेलते तब भी वो दूसरों स ेमिलते हैं. इससे उनको सोशल होने में मदद मिलती है.
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Source : News Nation Bureau