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Chronic Fatigue Syndrome: क्या आपको भी होती है अत्याधिक थकान, इस बीमारी से हो सकते है ग्रसित

Chronic Fatigue Syndrome: क्रोनिक फटिग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) एक गंभीर और अज्ञात कारण वाली बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को असामान्य थकावट, थकान, और ऊर्जा की कमी की समस्या होती है. आइए जानें इसके लक्षण और कारण

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Ritika Shree
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Chronic Fatigue Syndrome

Chronic Fatigue Syndrome( Photo Credit : Social Media)

Chronic Fatigue Syndrome: क्रोनिक फटिग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) एक गंभीर रोग है जिसमें व्यक्ति को थकान की अत्यधिक समस्या होती है, जो उनकी दिनचर्या को प्रभावित करती है. इसे विज्ञान में म्यालगिक एन्सेफलोमायलोगिकल डिजीज (Myalgic Encephalomyelological Disease) के रूप में भी जाना जाता है. यह रोग अधिकतर युवा और मध्यवयस्कों में पाया जाता है, लेकिन इसका कोई निश्चित उम्र सीमा नहीं है. क्रोनिक फटिग सिंड्रोम के मुख्य लक्षण थकावट और ऊर्जा की कमी होते हैं, जो किसी भी सामान्य प्रक्रिया को कठिन बना सकते हैं. इसके अतिरिक्त, क्रोनिक फटिग सिंड्रोम के लक्षण में नींद की समस्याएं, ब्रेन फ़ॉग (मानसिक स्पष्टता में कमी), और अल्पसंख्यक लक्षण भी शामिल हो सकते हैं, जैसे कि गले में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, और जोड़ों का दर्द. इस रोग का वास्तविक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह अध्ययन और रिसर्च के तहत बेहतर समझा जा रहा है. अगर आंकड़ों की बात करें तो ऐसा अनुमान है कि, दुनिया में क्रोनिक फटिग सिंड्रोम से 1 करोड़ से भी ज्यादा लोग पीड़ित है.

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Chronic Fatigue Syndrome (क्रोनिक फटिग सिंड्रोम) के कारण

क्रोनिक फटिग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) का स्पष्ट कारण अभी तक नहीं पता चला है, और इसका पूरी तरह से समझना चिकित्सा समुदाय के लिए एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र रहा है. इसके होने के कई कारण कारण हो सकते है. आइए जानें इसके संभावित कारण: 

इम्यून सिस्टम की असमान्य प्रतिक्रिया: कुछ शोध इस दिशा में सुझाव देते हैं कि क्रोनिक फटिग सिंड्रोम में इम्यून सिस्टम की असामान्य प्रतिक्रिया हो सकती है, जिसके कारण शरीर को सामान्य रूप से सामना करने की क्षमता कम हो सकती है.

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जेनेटिक प्रभाव: कुछ अध्ययनों ने देखा है कि क्रोनिक फटिग सिंड्रोम में जीनेटिक प्रभाव हो सकता है, जिसके कारण कुछ लोग इस बीमारी के लिए अधिक प्रवृत्त होते हैं.

वायरल इंफेक्शन: कुछ लोगों में, क्रोनिक फटिग सिंड्रोम के विकास में पहले से मौजूद वायरल इंफेक्शन का रोल हो सकता है.

वातावरणीय कारक: जीवनशैली और वातावरणीय कारक भी क्रोनिक फटिग सिंड्रोम में भूमिका निभा सकते हैं, जैसे कि अत्यधिक तनाव, संयुक्त रोमांच, और अधिक काम की भार.

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Chronic Fatigue Syndrome (क्रोनिक फटिग सिंड्रोम) के लक्षण

क्रोनिक फटिग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं, और यह सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षणों से भिन्न होते हैं. आइए जानें इसके प्रमुख लक्षण:

अत्यधिक थकावट: व्यक्ति को सामान्य गतिविधियों के लिए अधिक समय और प्रयास की आवश्यकता होती है.

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ऊर्जा की कमी: अत्यधिक थकावट के अलावा, व्यक्ति को अक्सर ऊर्जा की कमी महसूस होती है.

नींद की समस्या: नींद में समस्या, अनियमित नींद, या अत्यधिक नींद की समस्या हो सकती है.

ब्रेन फ़ॉग: मानसिक स्पष्टता में कमी, ध्यान और याददाश्त में समस्या, और मंदगत विचार की अनुभूति हो सकती है.

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अल्पसंख्यक लक्षण: जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, गले में दर्द, मांसपेशियों की कठोरता, और सिर दर्द जैसे अल्पसंख्यक लक्षण भी हो सकते हैं.

ये लक्षण व्यक्ति के जीवनशैली, शारीरिक स्वास्थ्य, और मानसिक स्थिति पर निर्भर कर सकते हैं और अक्सर उन्हें लंबे समय तक अनुभव किया जा सकता है. क्रोनिक फटिग सिंड्रोम के लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है ताकि सही उपचार और प्रबंधन की संभावना हो सके.

Source : News Nation Bureau

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