सरकार ने को-विन (Co-WIN) एप्लिकेशन को अपडेट किया है. इसके साथ ही सरकार ने टीकाकरण साइटों को मैन्युअल रूप से टीकाकरण अभ्यास से गुजरने वाले ऐसे लाभार्थियों को जोड़ने की अनुमति भी प्रदान की है, जिन्हें पहले ऐप बेतरतीब ढंग से (रेंडमली) चुनती थी. एप में नवीनतम सुधार से सरकारी अस्पतालों में होने वाले टीकाकरण (Vaccination) में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो अपने टीकाकरण लक्ष्य की आधी संख्या तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
अलॉट बेनिफिशियरी फीचर जोड़ा गया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एप में 'अलॉट बेनिफिशियरी' यानी लाभार्थी को अलॉट के लिए एक फीचर जोड़ा है. मंत्रालय के एक संचार ने कहा, फीचर को सत्र स्थलों (सेशन साइट) पर तैनात कर्मचारियों के अधिकतम उपयोग की सुविधा के लिए जोड़ा गया है, ताकि वे प्रति सत्र अधिकतम लाभार्थियों की संख्या को पूरा कर सकें. एप में यह परिवर्तन मंगलवार से ही लागू कर दिया गया है.
यह भी पढ़ेंः अमेरिका की सेना सशक्त है, हर चुनौती के लिए तैयार है : जो बाइडेन
इससे बढ़ेगा टीकाकरण
लोक नायक अस्पताल में टीका समन्वयक (वैक्सीन को-ऑर्डिनेटर) डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि अस्पताल को आगामी सत्र में 70 प्रतिशत टर्नआउट की उम्मीद है, जो गुरुवार को निर्धारित है. उन्होंने कहा, हम अपने लक्ष्य का केवल 20-30 प्रतिशत ही प्राप्त कर पाए हैं. हालांकि यह कदम हमें उन लाभार्थियों का संज्ञान लेने में भी सक्षम बनाएगा, जो वास्तव में टीकाकरण में रुचि रखते हैं, लेकिन आगे आने वाली तारीखों के लिए स्लॉट दिए जाने के बाद से वह टीकाकरण के लिए फिलहाल असमर्थ हैं. अब वे पहले ही टीकाकरण करा सकते हैं और टर्नआउट को बढ़ा सकते हैं.
यह भी पढ़ेंः अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनकर कमला हैरिस ने रचा इतिहास
पहले ही जोड़ा जाना चाहिए था
उन्होंने कहा, बेहतर टर्नआउट और अधिक लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करेगा. दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (डीएससीआई) में कोविड टीकाकरण की नोडल अधिकारी डॉ. प्रज्ञा शुक्ला ने कहा कि को-विन में बदलाव एक स्वागत योग्य कदम है, जिसे पहले ही लागू किया जाना चाहिए था. उन्होंने एप में नए बदलाव से बेहतर परिणामों की उम्मीद जताई है.
Source : IANS/News Nation Bureau