ब्रेस्ट कैंसर का समय पर इलाज नहीं किया जाये तो यह आपके लिये जानलेवा साबित हो सकता है। भारत में हर साल ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या में प्रति एक लाख में से तीस की औसत से इजाफा हो रहा है। यह समझना जरूरी है कि आखिर किन कारणों से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। 85 साल तक की महिलाओं को कैंसर हो सकता है और इससे सिर्फ सजग रहते हुए लड़ा जा सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर को लेकर एक रीसर्च में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्ताओं ने बताया है कि कुछ सामान्य निर्धारित गर्भनिरोधक गोलियां 'सिंथेटिक एस्ट्रोजन' और 'प्रोजेस्टेरोन हार्मोन' के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
ये दोनों हार्मोन ही ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ाने में मदद करते है और इसलिए ब्रेस्ट कैंसर मरीजों को हॉर्मोन थेरेपी करने की सलाह दी जाती है जिससे कि इन होर्मोनेस का दुष्प्रभाव कैंसर सेल्स पर न पड़े।
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शोध के परिणामों में पता चला कि जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती है, उनमे उन महिलाओं के मुकाबले ज्यादा होर्मोनेस थे जो कि गोलियों का इस्तेमाल नहीं करती है।
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इस अध्ययन के प्रमुख लेखक बेवर्ली स्ट्रैसमैन ने कहा, 'गर्भनिरोधक गोली मददगार तो है लेकिन, यह भी जरूरी है कि कंपनी ऐसी गर्भनिरोधक गोलियां तैयार करे जिससे कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम न हो।'
कैंसर रिसर्च यूके ने सलाह दी कि महिलाओं में एक प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर इन गर्भ निरोधकों के कारण होता है।
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Source : News Nation Bureau