देश में लगातार कोरोना के केसेस बढ़ते जा रहे हैं. दिन ब दिन हर बार कोरोना के केसेस भारत में देखने को मिल रह हैं. पिछले साल जहां कोरोना से लोगों ने बचाव के तरीके निकाले थे वहीं आज फिर से एक बार लोग चूर्ण की स्थिति से जूझ रहे हैं. दिल्ली हो या महारष्ट्र हर जगह कोरोना का केहर अपने चरम पर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना को देखते हुए WHO ने रिपोर्ट भी जारी की है. जानकारों के मुताबिक डीजी आईसीएमआर डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि जब हमारे पास COVID मौतें हो रही थीं, हमारे पास मौतों की कोई परिभाषा नहीं थी, यहां तक कि WHO के पास भी नहीं थी.
यह भी पढ़ें- पीठ या कमर के दर्द को न करें नज़रअंदाज़, अनदेखा करना पड़ सकता है भारी
यदि कोई आज पॉजिटिव हो जाता है और 2 सप्ताह के बाद मर जाता है - क्या यह COVID मृत्यु होगी, या 2 महीने, 6 महीने के बाद - क्या यह COVID मृत्यु होगी ?
उनका कहना है कि हमारे पास जो डेटा है, हमारे पास इतनी बड़ी मात्रा में डेटा है. हमारे पास 1.3 बिलियन में से 97-98% से अधिक का डेटा है, जिन्हें पहली खुराक का टीका लगाया गया है और लगभग 190 करोड़ वैक्सीन खुराक का इस्तेमाल किया गया है. अगर आकड़ों को देखा जाये तो दिल्ली में 5 मई को कोरोना के 1365 नए मामले आए, कोरोना के किसी मरीज की मौत नहीं, कोरोना संक्रमण दर घटकर 6.35% हुई. वहीं पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 21501 लोगों के टेस्ट किए गए और 1472 मरीज ठीक हुए.
यह भी पढ़ें- गर्मी में बालों और स्किन के लिए फायदेमंद है जामुन, जानें कैसे
Source : News Nation Bureau