दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इससे भारत भी अछूता नहीं रहा. दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन ने भारत में एंट्री कर ली है. बेंगलुरु में ओमीक्रॉन से संक्रमित दो लोग पाए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में भाग लेने के बाद आईसीएमआर के निर्देशक डॉ. सिमरन पांडा ने न्यूज नेशन से विशेष बातचीत में कहा कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि टीकाकरण से कोविड-19 संक्रमण रुक जाएगा. यह आपको बीमारी नहीं होगी, बीमारी हो सकती है, नई म्यूटेशन की वजह से तेजी से फैल सकती है, लेकिन टीकाकरण आपको बीमारी की गंभीरता और मृत्यु दर से बचाएगा, इसलिए टीकाकरण जरूरी है. साथ ही जरूरी कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर भी है, ताकि संक्रमण को सीमित रखा जा सके.
अभी तक भारतीय वैक्सीन सुरक्षित
अभी तक भारत की दोनों वैक्सीन काफी हद तक सुरक्षित है. यह मृत्यु दर और गंभीरता कम करने में सक्षम है. कॉमिक्रोम को लेकर जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा म्यूटेशन का असर एमआरएनए की वैक्सीन पर ज्यादा पड़ेगा, भारत की दोनों वैक्सीन पर तुलनात्मक रूप से कम.
बच्चों के टीकाकरण और बूस्टर डोज की जरूरत नहीं
जरूरी नहीं है कि जिससे बूस्टर डोज दिया जाए वह ज्यादा सुरक्षित बन जाए, क्योंकि उससे एंटीबॉडी में बढ़ोतरी होती है लेकिन सिर्फ एंटीबॉडी ही किसी बीमारी के खिलाफ एकमात्र सुरक्षा कवच नहीं है. जहां तक बच्चों की वैक्सीन का सवाल है यह निर्णय घबराहट में नहीं, बल्कि पूरी तरह से वैज्ञानिक आधार पर लेने चाहिए. आईसीएमआर सिरो सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 50% से ज्यादा बच्चे संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन उन पर इस महामारी की गंभीरता बहुत कम है मृत्यु दर भी ना के बराबर है.
Source : Rahul Dabas