कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सरकार स्तनपान कराने वाली माताओं और गर्भवती महिलाओं के साथ ही बच्चों को भी जल्द टीका लगाने की योजना पर काम कर रही है. पहले चरण में 12 से 18 साल के बच्चों के टीका पर तैयारी तेज हो गई है. बच्चों का दूसरे चरण का टीकाकरण सितंबर महीने के बाद होगा. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस योजना को शुरू करने के लिए फिलहाल सरकार जाइडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन पर विशेषज्ञ कार्य समिति (एसईसी) की सिफारिशों का इंतजार कर रही है. इस वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलती है तो इसे बच्चों को भी दिया जा सकेगा.
सितंबर तक चलेगा पहला चरण
जाइडस कैडिला की वैक्सीन परीक्षण में 12 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया था. इस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिलती है तो इसे 12 साल तक के बच्चों को लगाया जाएगा. पहला चरण सितंबर तक चलेगा. इसके बाद दूसरे चरण की तैयारी की जाएगी.
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कोवैक्सीन कर रहा 2 साल से ऊपर के बच्चों पर ट्रायल
जाइडस कैडिला के अलावा कोवैक्सीन भी बच्चों की वैक्सीन पर ट्रायल कर रहा है. कोवैक्सीन 2 से 18 साल तक की आयु वालों पर ट्रायल कर रहा है जो सितंबर तक पूरा हो जाएगा. इसके परिणाम सामने आने के बाद सितंबर-अक्तूबर माह में 12 साल से कम आयु वालों को भी टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा. सरकारी सूत्रों के मुताबिक आपात इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद ही राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय की टीकाकरण शाखा ने इस संदर्भ में तैयारी पूरी कर ली है.
कंपनी ने शुरू कर दिया उत्पादन
आपात इस्तेमाल की अनुमति से पहले जाइडस कैडिला ने वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है. सरकार को कंपनी ने जानकारी दी है कि उनके पास अगले तीन माह में तीन से चार करोड़ खुराक उपलब्ध कराने की क्षमता है जिसे पूरा करने के लिए वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है. इसकी पुष्टि करते हुए कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बताया कि अगस्त माह तक एक करोड़ खुराक सरकार को उपलब्ध कराने पर काम चल रहा है.
HIGHLIGHTS
- सितंबर तक चल सकता है बच्चों के टीकाकरण का पहला चरण
- कोवैक्सीन कर रहा 2 से 18 साल तक की आयु वालों पर ट्रायल
- जाइडस कैडिला के परीक्षण में 12 साल से ऊपर के लोग शामिल