कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर फैल रही तमाम बयानबाजी और अफवाहों के बीच दवा निर्माता कंपनी बायोएटेक और फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा दावा किया है. दोनों कपंनियों ने कहा कि अगर उनके द्वारा बनाई गई वैक्सीन के पहले और दूसरे बूस्टर डोज में समय लगता है तो कोरोना वैक्सीन के प्रभावी रहने के कोई भी सबूत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच तीन हफ्तों का ही फासला होना चाहिए, जैसा कि परीक्षण में किया गया.
फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके से एलर्जी होने की आशंका के बाद वैज्ञानिकों ने उन लोगों को दूसरी खुराक देने से पहले कुछ सुरक्षा उपायों की रूपरेखा तय की है, जिनमें पहली खुराक के बाद प्रतिकूल लक्षण नजर आए थे. ‘एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्युनोलॉजी: इन प्रैक्टिस’ नाम के जर्नल में प्रकाशित शोध में कोविड-19 के टीके लगाए जाने के बाद होने वाली एलर्जी के ज्ञात तथ्यों के बारे में बताया गया है.
Source : News Nation Bureau