विशेषज्ञों का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) की मदद से बड़े विनिर्माण क्षेत्रों में कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण में तेजी आ सकती है. पूरी दुनिया की प्रयोगशालाओं में इस घातक महामारी की वैक्सीन खोजी जा रही है, जिसके कारण अब तक 5.6 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 13.4 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
हाल ही में, एक 10 दिवसीय विज्ञान महोत्सव बर्लिन विज्ञान सप्ताह में विशेषज्ञों के एक पैनल ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी तकनीकें विभिन्न प्रयोगों से एकत्र अनगिनत जानकारियों को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत कर सकती है, जिन्हें मानव मस्तिष्क याद रखने में असफल हो जाता है.
जर्मनी की दवा कंपनी सर्टोरियस के रेने फेबर ने कहा कि कोविड-19 की वैक्सीन खोजने और अनुसंधान में एक अन्य महत्वपूर्ण तकनीक मददगार साबित हो सकती है वह है ‘ऑटोमेशन’. मानवों पर इस वैक्सीन के प्रयोग अंतिम चरण की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि क्लीनिकल और प्रतिरक्षा विज्ञान संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण करने में एआई काफी मददगार हो सकती है.
फेबर ने बताया कि डिजिटलीकरण और एआई जैसी तकनीकों से वास्तविक समय में आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए विश्लेषण के साथ ही अंतिम परिणाम गलत मिलने से पहले ही वैक्सीन की निर्माण प्रक्रिया में बदलाव करना या कोई भविष्यवाणी करना संभव होगा.
Source : Bhasha