विशेषज्ञ समिति ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को भी इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दे दी है. एक दिन पहले ही विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से बनाई गई कोविशील्ड वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी थी. अब इन दोनों वैक्सीन को डीसीजीआई की मंजूरी का इंतजार है. डीसीजीआई की मंजूरी के बाद ये दोनों वैक्सीन यूज करने योग्य हो जाएंगे. माना जा रहा है कि 6 जनवरी तक डीसीजीआई की ओर से भी इन दोनों वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी. आज हम आपको इन दोनों वैक्सीन की खासियत और कीमत के बारे में बताएंगे.
कोविशील्ड (Covishield)
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविशील्ड वैक्सीन बनाई है. इस वैक्सीन का आधिकारिक नाम AZD1222 है. 'कोविशील्ड' ट्रायल में 90% तक असरदार है और सभी उम्र के लोगों पर कारगर है. इसका रखरखाव अन्य वैक्सीन के मुकाबले काफी आसान है. इसे सामान्य तापमान पर भी स्टोर किया जा सकता है. दूसरी ओर, मॉडर्ना और फाइजर की ओर से विकसित वैक्सीन के रखरखाव के लिए -20 से -80 डिग्री तक के तापमान की जरूरत होती है. इसकी एक डोज की कीमत करीब 500 रुपये होगी, तो फाइजर की एक डोज की कीमत 19.50 डॉलर यानी करीब 1450 रुपये और मॉडर्ना की वैक्सीन की कीमत 25 से 37 डॉलर यानी करीब 1850-2700 रुपये के बीच होगी.
सीरम इंस्टीट्यूट भारत सरकार को 200 रुपये में एक डोज देगी यानी दो डोज की वैक्सीन 400 रुपये होगी. यह रेट केवल सरकार के लिए है, क्योंकि सरकार सीरम से करोड़ों डोज खरीद रही है. कोई प्राइवेट कंपनी वैक्सीन की डोज खरीदती है तो 1 हजार रुपये एक डोज के लिए देने होंगे. यानी किसी प्राइवेट जगह से वैक्सीन लेने का खर्च 2 हजार रुपये होगा.
कोवैक्सीन (Covaxine)
कोवैक्सीन (Covaxine) भारत की दूसरी वैक्सीन है, जिसके इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है. चिकित्सा अनुसंधान निकाय ICMR के सहयोग से भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन को विकसित किया है. भारत बायोटेक ने नवंबर के मध्य में Covaxine के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू किया था. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इससे पहले पोलियो, रोटा वायरस और ज़ीका वायरस का वैक्सीन विकसित कर चुकी है. कोवैक्सीन की अनुमानित कीमत 100 रुपये के आसपास बताई जा रही है.
Source : News Nation Bureau