Advertisment

Corona Vaccine की दोनों डोज भी काफी नहीं, कम हो रही एंटीबॉडी

'लांसेट' की स्टडी के मुताबिक एस्ट्राजेनेका और फाइजर की दोनों डोज लेने के 10 हफ्ते बाद 50 प्रतिशत कम हो जाता है एंटीबॉडी का स्तर.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Vaccine

लांसेट के नए अध्ययन में हुआ चौंकाने वाला खुलासा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर शुरुआत से ही कई तरह की शंकाएं व्यक्त की गईं. अब प्रतिष्ठित हेल्थ जर्नल 'लांसेट' ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है. इसके मुताबिक कोरोना से निपटने में रामबाण बताई जा रही फाइजर और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दोनों डोज लेने के छह हफ्ते बाद ही व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी का स्तर कम होना शुरू हो जाता है. यही नहीं, यह एंटीबॉडी 10 सप्ताह में 50 प्रतिशत से ज्यादा कम हो जाती है. गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका को भारत में कोविशील्ड (Covishield) के नाम से जाना जाता है. जाहिर है इस रिपोर्ट के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की दो डोज भी काफी नहीं है? क्या बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी और ऐसा है तो कितने दिनों बाद?

कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिंता बढ़ी
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि यदि इसी रफ्तार से एंटीबॉडी का स्तर गिरता है, तो इस बात की चिंता है कि कोरोना के नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है. हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि यह कितनी जल्दी होगा, इसकी अभी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. इस अध्ययन के बाद कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज यानी बूस्टर शॉट को लेकर भी विचार-विमर्श शुरू हो गया है. इस कड़ी में आईसीएमआर के महामारी विज्ञान विभाग के संस्थापक-निदेशक डॉक्टर मोहन गुप्ते कहते हैं कि एंटीबॉडी और नए वेरिएंट पर नजर रखनी होगी. उनके मुताबिक बूस्टर की आवश्यकता 6 महीने या 1 साल से पहले नहीं पड़ेगी.

यह भी पढ़ेंः क्या फिर से कोरोना लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा देश? केंद्र ने दिए ये निर्देश

दोनों डोज लेने के 2 से 3 महीने बाद आती है एंटीबॉडी में कमी
'यूसीएल वायरस वॉच' स्टडी में यह भी पाया गया कि यदि आप फाइजर वैक्सीन के दोनों शॉट्स लेते हैं और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के भी दोनों शॉट्स लेते हैं, तो एस्ट्राजेनेका की तुलना में फाइजर की वैक्सीन से एंटीबॉडी का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि पहले सार्स-सीओवी-2 संक्रमण वाले लोगों की तुलना में टीकाकरण वाले लोगों में एंटीबॉडी का स्तर बहुत अधिक था. हालांकि अध्ययन में पाया गया इनके दोनों शॉट्स लेने के दो से तीन महीनों के दौरान एंटीबॉडी में काफी गिरावट आई.

अभी एंटीबॉडी में कमी के क्लीनिकल इफेक्ट स्पष्ट नहीं
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक लांसेट की यह फाइंडिंग्स 18 साल और उससे ऊपर की उम्र के सभी समूहों के लोगों के डाटा पर आधारित है. हालांकि स्टडी के लेखक इस बात पर भी प्रकाश डालते हैं कि एंटीबॉडी के स्तर में कमी के क्लीनिकल इफेक्ट अभी तक स्पष्ट नहीं है, कुछ गिरावट की उम्मीद थी. ताजा अध्ययन से पता चलता है कि गंभीर बीमारी के खिलाफ टीके प्रभावी रहते हैं. स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक फाइजर के लिए एंटीबॉडी का स्तर 21 से 41 दिनों में 7506 यूनिट प्रतिलीटर से घटकर 70 या उससे ज्यादा दिन में 3320 यूनिट प्रतिलीटर हो गया. वहीं एस्ट्राजेनेका के लिए एंटीबॉडी का स्तर 0-20 दिनों में 1201 यूनिट प्रतिलीटर से घटकर 70 या उससे अधिक दिनों में 190 यूनिट प्रतिलीटर हो गया.

यह भी पढ़ेंः UP सहित 5 चुनावी राज्यों में गूंजेगा OBC आरक्षण का मुद्दा, BJP बना रही माहौल

70 प्लस को दी जाए बूस्टर डोज में प्राथमिकता
यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इन्फॉर्मेटिक्स के प्रोफेसर रोब अल्द्रिज कहते हैं, 'जब हम इस बारे में सोच रहे हैं कि बूस्टर डोजों (खुराक) के लिए किसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए, तो हमारे आंकड़े बताते हैं कि जिन लोगों को जल्द से जल्द टीका लगाया गया था, खासतौर पर जिन्होंने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के टीके लगवाए, उनमें अब सबसे कम एंटीबॉडी स्तर होने की संभावना है.'  शोधकर्ताओं ने इस बात का भी समर्थन किया कि जिनकी आयु 70 वर्ष या उससे अधिक है, नैदानिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें बूस्टर खुराक के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए. शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका का टीका लगाया गया था, उनमें फाइजर वैक्सीन के टीके लगाने वालों की तुलना में बहुत कम एंटीबॉडी स्तर होने की संभावना है.'

HIGHLIGHTS

  • फाइजर और एस्ट्राजेनेका की दोनों डोज के बाद भी खतरा नहीं टलता
  • दोनों शॉट्स लेने के दो से तीन महीनों के बाद एंटीबॉडी में काफी गिरावट
  • एस्ट्राजेनेका को ही भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है
corona-vaccine Covishield कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन Pfizer Corona Epidemic कोरोना संक्रमण Booster Dose बूस्टर डोज फाइजर Antibody एंटीबॉडी Lancet एस्ट्राजेनेका
Advertisment
Advertisment
Advertisment