कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत में दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है. अब अगले हफ्ते से देशभर में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है. देश में रविवार को भारतीय बायोटेक की द्वारा विकसित कोरोना वायरस की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' और एस्ट्राजेंका व ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है. सरकारी सूत्रों ने बताया है कि अगले हफ्ते से भारत में कोविड-19 वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू किया जाएगा.
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बीते दिन ही भारत बायोटेक ने अपने द्वारा विकसित कोरोना वायरस की वैक्सीन-कोवैक्सीन की पहली खेप सरकार को भेज दी, ताकि देश में आने वाले समय में चलाए जाने वाले टीकाकरण अभियान के लिए इनका वितरण किया जा सके. कंपनी के सीएमडी डॉ. कृष्णा एला ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम कसौली के केंद्रीय अनुसंधान संस्थान को एक खेप भेज चुके हैं. हालांकि सरकार को यह कितनी मात्रा में भेजी गई है, इसके बारे में अभी कोई खुलासा नहीं किया गया है.
उधर, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि अलग-अलग फेज में वैक्सीन लगाने का काम किया जाएगा और अगले 6-8 महीने में करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. सूत्रों ने बताया किया है कि वैक्सीन को मंजूरी के बाद अब इसके भंडारन का काम किया जा रहा है. सरकार वैक्सीन कंपनियों के साथ टीके की खरीददारी की डील कर रही है. सरकार कई बैच में 5 से 6 करोड़ वैक्सीन की डोज खरीदेगी. शुरुआती फेज में करीब 3 करोड़ लोगों को ये वैक्सीन लगेगी.
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हालांकि सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि कागजी काम में थोड़ा वक्त लग रहा है, मगर बाकी इंतजाम तेजी से किए जा रहे हैं, जिससे कि वैक्सीनेशन में देरी न हो. पूरे देश में पहले से ही वैक्सीनेशन की ड्राई रन भी हो रहा है, तो अब तक सफल रहा है. देशभर में 28 हजार वैक्सीनेशन प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां इस टीके को भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि वैक्सीन को देश के अलग-अलग 31 मेन हब में रखा जाएगा, यहां से वैक्सीन को वैक्सीनेशन प्वाइंट पर भेजा जाएगा.