कोरोनावायरस (Coronavirus) के सभी वेरिएंट के खिलाफ इम्यूनिटी देने के मामले में समान और लंबे समय तक असर रखने वाले प्रोटीन घटक (वायरल पॉलिमरेज) सामने आया है. इसको कोरोना वैक्सीन के प्रोटीन में जोड़कर इम्यून रिस्पॉन्स को बढ़ाया जा सकता है. नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) के खिलाफ भी इसके जरिए अधिक सुरक्षा हासिल की जा सकती है. इसके बाद कोरोना के किसी भी वेरिएंट से डरने या घबराने की जरूरत नहीं रहेगी. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजेल्स (UCLA) की स्टडी में एक दुर्लभ और प्राकृतिक टी सेल्स पाया गया है. इसे सार्स कॉव-2 (SARS-CoV-2) समेत कोरोनावायरस के सभी वेरिएंट में पाए जाने वाले प्रोटीन के खिलाफ ज्यादा ताकतवर तरीके से असर (टारगेट) कर सकता है.
नए वेरिएंट के खिलाफ भी मिलेगी ज्यादा सुरक्षा
'सेल रिपोर्ट्स जर्नल' में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक रिसर्चर्स ने आखिर में पाया कि SARS-CoV-2 में पाए जाने वाले वायरल पोलीमरेज (Viral Polymerase) प्रोटीन के घटक को कोरोना वैक्सीन में मिलाने से लंबी समय तक चलने वाली प्रतिरोधक क्षमता को तैयार किया जा सकता है. इसकी मदद से वैक्सीन कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ हमें ज्यादा सुरक्षा दे सकती है. स्टडी में बताया गया है कि अधिकांश कोरोना वैक्सीन प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडीज का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करने के लिए वायरस के सतह से पाए जाने वाले स्पाइक प्रोटीन के एक हिस्से का उपयोग करते हैं. हालांकि, डेल्टा और ओमीक्रॉन जैसे नए वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन करते हैं, जो वैक्सीन से पैदा हुए एंटीबॉडीज और इम्यून सेल को ऐसा बना देते हैं कि वे वायरस की पहचान ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं.
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77 से ज्यादा देशों में फैल चुका है ओमीक्रॉन
रिसर्चर्स ने कहा कि मजबूत और व्यापक इम्यून रिस्पॉन्स तैयार करने के लिए वैक्सीन की एक नई पीढ़ी की जरूरत होगी, जो मौजूदा और भविष्य में आने वाले वेरिएंट को मात देने में सक्षम हो. यह स्टडी ऐसे समय पर प्रकाशित हुई है कि जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि कोरोनानवायरस का ओमीक्रॉन वेरिएंट वैक्सीन के असर को कम करने में सक्षम है. साथ ही यह ज्यादा तेजी से पैर पसार रहा है. संगठन ने आशंका जताई है कि जल्द ही कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मामले में ओमीक्रॉन डेल्टा समेत सभी वेरिएंट को पीछे छोड़ देगा. फिलहाल ओमीक्रॉन का संक्रमण दुनिया के 77 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. वहीं भारत में 11 राज्यों में ओमीक्रॉन से संक्रमण के मामले सामने आए हैं.
HIGHLIGHTS
- कोरोनावायरस के किसी भी वेरिएंट से डरने या घबराने की जरूरत नहीं रहेगी
- मजबूत और व्यापक इम्यून रिस्पॉन्स के लिए वैक्सीन की नई पीढ़ी की जरूरत
- ओमीक्रॉन का संक्रमण दुनिया के 77 से ज्यादा देशों में फैल चुका है : WHO