चीन (China) से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. दुनियाभर में डेढ़ करोड़ से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. करीब साढ़े छह लाख लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है. अभी तक डॉक्टरों का कहना था कि यह वायरस नाक, गले और फेफड़ों को इन्फेक्ट करता है लेकिन एक नए रिसर्च में सामने आया है कि वायरस कान को भी इन्फेक्ट कर सकता है.
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रिसर्च में हुआ खुलासा
मेडिकल जर्नल JAMA Otolaryngology की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अध्ययन में तीन ऐसे मरीजों की जिक्र किया गया जिनकी कोविड-19 संक्रमण से मौत हो गई. इन मरीजों में एक की उम्र 60 साल और दूसरे की 80 साल थी. इन दोनों मरीजों के कान के पीछे हड्डी में कोरोना इन्फेक्शन पाया गया. इस रिसर्च के सामने आने के बाद जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ मेडिसिन की टीम का कहना है कि इस अध्ययन के बाद कोरोना वायरस के लक्षण वाले लोगों में कान भी चेक किए जाएं.
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सुनने की ताकत पर हुआ असर
80 साल के मरीज के दाहिने कान के बीच में कोरोना पाया गया, जबकि 60 साल के मरीज के बाएं-दाएं मास्टॉयड में और उसके बाएं और दाएं मध्य कान में वायरस था. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इन्फेक्शन की वजह से मरीज के सुनने की शक्ति भी कम हो गई थी. कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच विश्व की सौ से अधिक कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हैं. 19 कंपनियां ट्रालय के अंतिम चरणों तक पहुंच गई हैं. जानकारों की कहना है कि अभी भी कोरोना की वैक्सीन आने में कम से कम छह महीने का समय लग सकता है.
Source : News Nation Bureau