नए वैरिएंट का पता लगने के बारे में सार्वजनिक चर्चा के संबंध में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पाल ने कहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी तक चिंताजनक वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत नहीं है. डॉ. पाल ने कोविड-19 के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति यह है कि एक नया वैरिएंट पाया गया है. अभी तक यह वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट(वीओआई) यानी रुचि का वैरिएंट है और अभी तक यह वैरिएंट ऑफ कनसर्न (वीओसी) यानी चिंताजनक वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत नहीं है. वीओसीऐसा है जिसमें हम समझ चुके हैं कि मानवता के प्रतिकूल परिणाम हैं, जो बढ़ती संक्रामकता या विषैलापन के कारण हो सकते हैं. हम डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में यह नहीं जानते हैं.
डॉ वीके पॉल, स्वास्थ्य सदस्य, नीति आयोग, ने कहा है कि जहां तक डेल्टा प्लस वैरीअंट का सवाल है, सीधा महाराष्ट्र के ऊपर कोई कमेंट नहीं करना चाहता. लेकिन उसका जवाब इसी तरीके से दूंगा कि हमने इससे वैरीअंट ऑफ इन्वेस्टिगेशन माना है, वैरीअंट आफ कंसर्न्स नहीं. उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस वैरीअंट के देश में केस की संख्या नहीं बता सकते लेकिन भारत में भी डेल्टा प्लस वैरीअंट मौजूद है. परन्तु, डेल्टा प्लस वैरीअंट खतरनाक स्थिति में नहीं है. कोरोना की तीसरी लहर को रोकना जनता के हाथ में है. उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर सभी वैरीअंट के खिलाफ कारगर है, मास्क लगाना बेहद जरूरी है.
डॉ वीके पॉल ने कोरोना वैक्सीन को लेकर बताया कि भारत के वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ का अप्रूवल कुछ समय बाद मिल जाएगा, हम इसके लिए प्रयासरत हैं.
Source : News Nation Bureau