दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान आज से भारत देश में शुरू हो गया है. पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स फिर फ्रंट लाइन वर्कर्स को, जिनकी संख्या लगभग 3 करोड़ है, कोरोना का कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaccine) टीका लगाया जाएगा. इसको लेकर बड़े स्तर पर गाइडलाइन जारी कर इंतजाम किए गए हैं. इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीका लगवाने वाले लाभार्थियों को टीकाकरण के बाद कम से कम आधे घंटे आराम करने के लिए कहा है. सावधानीवश कहा गया है कि टीका लगवाने वाले लाभार्थी टीकाकरण की साइट्स को छोड़ कर नहीं जाएं.
किसी भी चुनौती से निपटने की तैयारी
गौरतलब है कि भारत में यूं तो कई टीकाकरण अभियान चलाए गए हैं. हालांकि कोरोना टीकाकरण का अभियान अपने आप में काफी अनूठा है. संक्रमण की आशंका को देखते हुए गाइडलाइंस के मुताबिक टीकाकरण साइट्स पर तीन जगहें रखी गई हैं. वेटिंग, वैक्सीनेशन और ऑब्जर्वेशन एरिया. इस कड़ी में टीका लगने के बाद से लाभार्थी को सलाह दी जाती है कि वे अचानक साइट छोड़कर न जाएं, बल्कि निगरानी के लिए टीकाकरण साइट पर रुके. टीकाकरण की साइट पर मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे सभी कोरोना नियमों का पालन करना अनिवार्य है. केंद्र सरकार ने पहले से ही टीकाकरण के लिए जरूरी शारीरिक, आयु, चिकित्सक स्थितियों को साफ कर दिया है. टीकाकार और अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया गया है कि टीकाकरण के बाद अगर कोई प्रतिकूल घटना होती है, तो वह कैसे प्रतिक्रिया दें.
इन लक्षणों से न घबराएं
मंत्रालय ने साफ किया है कि कोविशील्ड, ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनका वैक्सीन स्थानीय रूप से भारत के सीरम संस्थान द्वारा निर्मित वैक्सीन लगने के बाद शरीर में सिरदर्द, थकान, ठंड लगना और आर्थ्राल्जिया के साथ शरीर के हिस्से में कोमलता और दर्द पैदा हो सकता सकता है. जी मिचलाने जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं. ऐसी समस्याएं होने पर पेरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है. भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन लगने बाद इंजेक्शन वाली जगह दर्द, सिरदर्द, थकान, बुखार, शरीर में दर्द, पेट में दर्द, मतली और उल्टी, चक्कर आना-चक्कर आना, कंपकंपी, पसीना, सर्दी, खांसी और इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन हो सकती है.