Advertisment

टीबी, हैजा से होने वाली मौतें लॉकडाउन के दौरान जान बचाने के प्रयासों को बेअसर कर देंगी

तपेदिक और हैजे जैसी बीमारियों को नजरअंदाज करने से कोविड-19 (Coronavirus Covid-19) के मद्देनजर लागू ल़ॉकडाउन से जिंदगियां बचाने की कोशिशें बेअसर साबित होंगी. जन स्वास्थ्य क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि जितनी जिंदगियां इन प्रयासों से बचाई गई, उतनी ही जान टीबी और हैजे की वजह से जा सकती हैं.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
corona covid 19

CoronaVirus( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

Advertisment

तपेदिक और हैजे जैसी बीमारियों को नजरअंदाज करने से कोविड-19 (Coronavirus Covid-19) के मद्देनजर लागू ल़ॉकडाउन से जिंदगियां बचाने की कोशिशें बेअसर साबित होंगी. जन स्वास्थ्य क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि जितनी जिंदगियां इन प्रयासों से बचाई गई, उतनी ही जान टीबी और हैजे की वजह से जा सकती हैं. हैदराबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर वी रमण धारा ने कहा कि तपेदिक, हैजा और कुपोषण जैसी गरीबी संबंधी बीमारियों से जान जाने की घटनाओं पर विचार करना ही होगा जिनके 'लॉकडाउन जारी रहने' के दौरान नजरअंदाज किए जाने की आशंका है.

ये भी पढ़ें: 'खांसी के लिए अस्पताल जाने की जरूरत नहीं, घरेलू नुस्खे अपनाएं'

उन्होंने कहा कि इन बीमारियों से होने वाली मौतें संभवत: लॉकडाउन के चलते बची जिंदगियों की उपलब्धि को बेअसर कर देंगी. उन्होंने रविवार को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हर किसी को इस महामारी को मानवों द्वारा पर्यवारण को पहुंचाए गए बेहिसाब नुकसान को प्रकृति की ओर से दी गई प्रतिक्रिया के रूप में देखना चाहिए जिसके कारण जानवरों के प्राकृतिक वास छिन गए और परिणामस्वरूप इंसानों तथा जानवरों के बीच के संबंध खराब हो गए.

भारत में कोविड-19 स्थिति के अपने आकलन में धारा ने पाया कि शनिवार शाम तक आए संक्रमण के 1,25,000 मामले साफ तौर पर मई के अंत तक अनुमानित 1,00,000 मामलों से ज्यादा हो गए हैं और इनका लगातार बढ़ना जारी है. मामलों के हिसाब से मृत्यु दर भले ही धीरे-धीरे कम हो रही हो लेकिन कुल मृत्यु दर अधिक महत्त्वपूर्ण है लेकिन उनका कहना है कि हो सकता है सही आंकड़ें सामने नहीं आ रहे हों क्योंकि मौत के कुछ मामलों में कोविड-19 की जांच न की गई हो इसकी संभावना है.

covid-19 corona-virus coronavirus coronavirus-covid-19 Health News In Hindi Coronavirus Lockdown Cholera TB
Advertisment
Advertisment
Advertisment