Advertisment

दिल्ली AIIMS में 6-12 साल के बच्चों पर आज से होगा कोवैक्सीन का ट्रायल

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 6 से 12 साल के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल आज से शुरू होगा. इसके साथ ही स्क्रीनिंग भी शुरू हो जाएगी.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Covaxin Dose

दिल्ली AIIMS में 6-12 साल के बच्चों पर आज से होगा कोवैक्सीन का ट्रायल( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 6 से 12 साल के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल आज से शुरू होगा. इसके साथ ही स्क्रीनिंग भी शुरू हो जाएगी. दिल्ली एम्स पहली बार भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण के लिए 6 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू कर रहा है. आज से 6-12 साल के बच्चों की भर्ती और क्लीनिकल ट्रायल शुरू होगा. आपको बता दें कि इससे पहले एम्स पटना में 6-12 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है.

यह भी पढ़ें : दिल्ली के इस अस्पताल में आज से उपलब्ध होगी Sputnik V वैक्सीन 

स्क्रीनिंग रिपोर्ट आने के बाद प्रतिभागियों को वैक्सीन दी जाएगी. परीक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि भारत बायोटेक की वैक्सीन बच्चों के लिए उपयुक्त है या नहीं. दिल्ली एम्स ने 12-18 आयु वर्ग के लिए सिंगल डोज कोवैक्सीन की भर्ती और क्लिनिकल ट्रायल खत्म होने के बाद यह ट्रायल ड्राइव शुरू करने का फैसला किया है. 6-12 साल के बच्चों की भर्ती के बाद एम्स दिल्ली 2-6 साल के बच्चों के लिए ट्रायल करेगा. परीक्षण 525 केंद्रों पर हो रहे हैं.

भारत के ड्रग रेगुलेटर द्वारा कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण करने की अनुमति दिए जाने के बाद 2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में एकल-खुराक कोवैक्सीन के परीक्षण के लिए बच्चों की स्क्रीनिंग 7 जून को नई दिल्ली के एम्स में शुरू हुई. ड्रग रेगुलेटर ने 12 मई को आयु वर्ग 2 से 18 वर्ष के लिए परीक्षणों की अनुमति प्रदान की थी.

यह भी पढ़ें : Global Wind Day 2021: हवा न हो तो कैसा होगा मानव जीवन? ऐसे हुई थी वैश्विक पवन दिवस की शुरुआत 

एम्स पटना, मैसूर मेडिकल कॉलेज और कर्नाटक में अनुसंधान संस्थान को भी बच्चों पर क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए चुना गया है. भले ही कोरोनावायरस की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ गई है, लेकिन एक्सपर्ट तीसरी लहर की संभावना जता रहे हैं. बताया जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं. ऐसे में सरकार इस दिशा में काम कर रही है. छोटे बच्चों पर कोवैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल कराने का उद्देश्य देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने के पहले उन्हें टीकाकरण में शामिल किया जाना है.

विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों की ओर से कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा अधिक बताया जा रहा है, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में बच्चों पर टीकों का ट्रायल किया जा रहा है. इसी वैश्विक अभियान के तहत भारत में भी अब बच्चों पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जा रहा है. हाल ही में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बच्चों में कोविड-19 संक्रमण की समीक्षा करने और राष्ट्र की तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि समूह ने उन संकेतों की जांच की है जो चार-पांच महीने पहले उपलब्ध नहीं थे.

( इनपुट - आईएएनएस )

HIGHLIGHTS

  • बच्चों के लिए जल्द वैक्सीन लाने की तैयारी
  • पटना के बाद दिल्ली में वैक्सीन का ट्रायल
  • 6-12 साल के बच्चों की स्क्रीनिंग भी होगी शुरू
COVAXIN Trial Delhi AIIMS Covaxin trial Delhi AIIMS
Advertisment
Advertisment