भारत की देसी वैक्सीन ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है. कोवैक्सीन का लोहा अब सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने भी माना है. लैंसेट ने कोवैक्सीन को अत्यधित प्रभावकारी माना है. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन को मंजूरी दी है. जर्नल में कहा गया कि भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोविड-19 वैक्सीन 'अत्यधिक प्रभावकारी' है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है. स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी रही है. इस बात की जानकारी मेडिकल जर्नल लैंसेट (Lancet) में प्रकाशित हुए स्टडी से मिली है. कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है.
जर्नल में कहा गया है कि ट्रायल के दौरान वैक्सीन से जुड़े मौत के गंभीर मामले दर्ज नहीं किए गए. भारत में नवंबर 2020 से मई 2021 तक चले इस ट्रायल में 18-97 आयुवर्ग के 24 हजार 419 प्रतिभागी शामिल हुए थे. द लैंसेट ने कहा कि सिम्पटॉमिक कोरोना मरीजों के खिलाफ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन 77.8% असरदार पाई गई है. कोवैक्सीन के ट्रायल के दौरान वैक्सीन से संबंधित मौत या कोई भी गंभीर प्रतिकूल घटनाएं दर्ज नहीं की गईं.
द लैंसेट ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के फेज तीन का डेटा जारी किया है. इसके मुताबिक, भारत की देसी वैक्सीन न सिर्फ कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षित और असरदार है, बल्कि यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी 65.2 फीसदी असरदार है. इतना ही नहीं, गंभीर सिम्टोमेटिक कोविड-19 के खिलाफ कोवैक्सीन 93.4 फीसदी असरदार है. बता दें कि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मिलकरर डेवलप किया है. इसके इस्तेमाल को अब तक 17 देशों ने मंजूरी दे दी है। इस तरह से कोवैक्सीन, विश्व स्वास्थ्य द्वारा अनुमोदित सूची में फाइजर/बायोएनटेक, मॉडर्न, एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन, सिनोफार्म और सिनोवैक द्वारा निर्मित एंटी-कोविड टीकों की लिस्ट में शामिल हो गया है.
Source : News Nation Bureau