कोरोना वायरस (Corona Virus Vaccination) का टीका उसी व्यक्ति को लगाया जाएगा, जो इसके लिए तैयार होगा. बिना मर्जी के किसी को कोरोना वायरस का टीका नहीं लगाया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Central Health Ministry) ने यह स्पष्ट कर दिया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत का कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) दूसरे देशों के विकसित टीके की तरह ही कारगर होगा. मंत्रालय ने कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित हो चुके लोगों को भी वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) लगवाने की सलाह दी, क्योंकि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि दूसरी खुराक लेने के दो हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर तैयार होगा. मंत्रालय ने गुरुवार रात को कोविड-19 टीके से जुड़े कुछ सवालों-जवाबों की सूची तैयार की. क्या सबके लिए टीका लेना जरूरी है? टीके से कितने दिनों में एंटीबॉडी तैयार होंगी? क्या कोविड-19 से उबर चुका व्यक्ति भी टीका ले सकता है?
मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 का टीका लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा. साथ ही मंत्रालय ने टीके की पूरी खुराक लेने की सलाह दी. मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न टीके परीक्षण के अलग-अलग चरण में हैं. सरकार जल्द ही कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने की तैयारी में है. भारत में कोविड-19 के छह टीकों के परीक्षण चल रहे हैं. इसमें ICMR के साथ तालमेल से भारत में बायोटेक द्वारा विकसित टीका, जायडस कैडिला, जेनोवा, ऑक्सफोर्ड के टीके पर परीक्षण चल रहा है.
रूस के गमालेया राष्ट्रीय केंद्र के साथ तालमेल से हैदराबाद में डॉ रेड्डी लैब में स्पूतनिक वी के टीके और एमआईटी, अमेरिका के साथ तालमेल से हैदराबाद में बायोलोजिकल ई लिमिटेड द्वारा विकसित टीका भी शामिल हैं. कम अवधि में परीक्षण के बाद तैयार टीका क्या सुरक्षित होगा और क्या इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इस पर मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा और कारगर होने के आधार पर नियामक संस्थानों की मंजूरी के बाद टीके की पेशकश की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सुरक्षित टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों को टीके के विपरीत असर की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. मंत्रालय ने कहा कि 28 दिन के अंतराल पर टीके की दो खुराक लेने की जरूरत होगी. कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन आदि से जूझ रहे मरीज भी कोविड-19 के टीके की खुराक ले सकते हैं.
टीकाकरण के पहले चरण में कोविड-19 के टीके स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले प्राथमिकता समूह को दिए जाएंगे. टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 से ज्यादा उम्र वालों को भी इसकी खुराक दी जा सकती है. चिन्हित लोगों को टीकाकरण और उसके समय के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाएगी.
स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीकाकरण के लिए पहले चुने जाने के सवाल पर मंत्रालय ने कहा है कि सरकार अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता दे रही है कि उन्हें सबसे पहले टीके की खुराक मिले. टीके के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे.
Source : News Nation Bureau