वुहान के बाद इस बार चीन की आर्थिक राजधानी Shanghai में कोरोना कहर छाने को बेताब है. यहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. चीन में बीते दिन रिकॉर्ड संख्या में कोरोना के नए मामले सामने आए हैं. तेजी से बढ़ते कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए शहर में कई तरह की पाबंदियां भी लगा दी गई है. गौरतलब है कि शंघाई में कोरोना कंट्रोल के नाम पर पहले से ही डबल स्टेज लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसे में अब लोगों का संयम भी जवाब देने लगा है. दरअसल, यहां स्थानीय प्रशासन कोविड जीरो पालिसी का लागू कर रखा है.
दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी फैसले का खतरा बढ़ा
दरअसल, चीन के शंघाई शहर की पहचान एक ग्लोबल फाइनेंशियल हब की है. यहां दुनियाभर के व्यापार और ट्रेड से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में शंघाई से इस खतरनाक वायरस के दुनियाभर में बढ़ने का खतरा भी है. ग्लोबल टाइम्स के अनुसार जानकारों का मानना है कि शंघाई में बड़ी संख्या में कोरोना के मामलों का सामने आना बड़े खतरे का संकेत है. जानकार मानते है कि यहां का हाल चीन के वुहान से भी अधिक खतरनाक हो सकता है. चीन की खराब होती स्थिति को देखते हुए अमेरिका, फ्रांस और इटली के काउंसलेट ने चीन में मौजूद अपने नागरिकों से इसको लेकर चेतावनी दी है. इसमें कहा गया है कि चीन में प्रशासन कोरोना की रोकथाम को इस तरह का कदम उठा रहा है, जिसका पालन करें और जरूरत नहीं हो तो शंघाई से दूर रहे.
कोरोना के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता
शंघाई में कोरोना के बढ़ते मामलों ने वहां के प्रशासन की भी नींद उड़ा दी है. वहां की ताजा हालात को देखते हुए सरकार ने बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है. यहां कोरोना की हालत इतनी भयावह हो गई है कि बीते 24 घंटों के दौरान यहां पर कोरोना के जितने मामले सामने आए हैं, उतने मामले पिछले तीन दिनों के दौरान सामने आए मामलों से अधिक हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार शंघाई में शनिवार को एक दिन 6051 मामले रिपोर्ट किए गए हैं. इससे पहले एक दिन में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 4144 थी.
महामारी को फैलने से रोकने की कोशिश
शंघाई के बिगड़ते हालात से चिंतित शंघाई नगर निगम कमिश्नर वू कियान यू ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी कि सरकार ज्यादा ज्यादा यीदी जांच कर रही है, इसकी ही वजह से ये मामले सामने आए हैं. उन्होंने ये भी बताया कि जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से ही हम इसकी रोकथाम के जल्द उपाय कर पा रहे हैं.उन्होंने कहा कि यहां सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सही समय पर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा जा रहा है और उन्हें दूसरों से अलग कर आइसोलेट कर रखा जाता है.उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा लोगों की जीवन को सुरक्षित रखना है. वू के बताया कि स्वास्थ्य विभाग महामारी को फिर से फैलने से रोकने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है. आपको बता दें कि शंघाई के अस्पतालों में पिछले दिनों में कई मरीज भर्ती किए गए हैं और कई मरीजों की मौत भी हुई है.
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पॉजिटिव बच्चों को किया जा रहा पेरेंट्स से अलग
चीन के शंघाई कोरोना फैलने की सबसे खतरनाक बात ये है कि इस बार कोरोना छोटे-बच्चे भी कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं. बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से मासूमों को माता-पिता से भी अलग कर दिया है. ईस्थर झाओ ऐसी ही एक मां है जिसकी ढाई साल की बच्ची को जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद उसको मां से अलग कर दिया गया. उसकी मां का कहना है कि वो काफी छोटी है, इसलिए वो अलग नहीं रह सकेगी. मां के विरोध के बाद डॉक्टरों ने झाओ को यहां तक धमकी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उसकी बच्ची को अस्पताल से बाहर कर दिया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- चीन के वुहान में कोरोना ने ढाया था कहर
- बचाव के लिए लगाया गया सख्त लॉकडाउन
- तालाबंदी से परेशान लोगों का फूट रहा गुस्सा