Covishield Vaccine Side Effects: ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने लंदन हाईकोर्ट में यह स्वीकार किया है कि कोविड-19 वैक्सीन के कुछ दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. इन साइड इफेक्ट्स में सबसे प्रमुख थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम विद थ्रोम्बोसिस प्रमुख है, जिसकी वजह है शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और ब्रेन हेमरेज व हार्ट अटैक का खतरा पैदा हो जाता है. कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर एस्ट्राजेनेका की स्वीकारोक्ति के बाद भारत समेत दुनियाभर के उन देशों में बड़ा खतरा पैदा हो गया है, जहां लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए यह वैक्सीन लगवाई है.
यह खबर भी पढ़ें- PM Modi Salary: कितनी है प्रधानमंत्री मोदी की सैलरी और संपत्ति? जानकर रह जाएंगे हैरान
इन लोगों को नहीं साइड इफेक्ट का खतरा
दरअसल, भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के एस्ट्राजेनेका के फार्मूले से ही कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण किया था. ऐसे में भारत में एक बड़ी आबादी ने कोरोना वैक्सीन के रूप में कोविशील्ड का टीका लगवाया. अब कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स को लेकर हुए खुलासे के बाद भारत में ऐसे लोगों को खतरा महसूस हो रहा है, जिन्होंने कोविशील्ड का टीका लगवाया है. ऐसे में डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स के लिये यह शोध का विषय भी बन गया है. इस बारे में हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में न्यरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कि एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि इसके साइड इफेक्ट्स की संभावना न के बराबर है. जो बहुत ज्यादा चिंता का विषय नहीं है. डॉ. सुधीर कहते हैं कि किसी भी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स आमतौर पर 1 से 6 सफ्ताह के भीतर ही देखने को मिल जाते हैं. इसलिए जिन लोगों ने वैक्सीन दो साल पहले ली है, उनको टेंशन फ्री रहना चाहिए.
यह खबर भी पढ़ें- Rahul Gandhi's education: कितने पढ़े-लिखे हैं राहुल गांधी? इसलिए नाम बदलकर की थी पढ़ाई
कब दिखता है वैक्सीन का दुष्प्रभाव
वहीं, नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सह अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन का कहना है कि भारत में जिन लोगों ने 2 साल पहले वैक्सीन ली थी, उनको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स पहली डोज के बाद पहले महीने में दिखते हैं, उसके बाद नहीं.
Source : News Nation Bureau