पूरी दुनिया में कोरोना ने कहर मचा रखा है. कोरोना संक्रमण से भारत अछूता नहीं है. देश में कोरोना से अबतक कई लोगों की जान चली गई है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सिर्फ वैक्सीन ही कारगार साबित हो रही है. भारत में पहले से ही दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन है. सूत्रों के अनुसार, इस बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने रूस की स्पुतनिक लाइट वन-शॉट कोविड वैक्सीन की सिफारिश की है.
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गौरतलब है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने स्पुतनिक लाइट को भारतीय आबादी पर फेज-3 ट्रायल करने की अनुमति दी थी. कोरोना वायरस पर बनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने स्पुतनिक लाइट को ट्रायल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी. इससे पहले SEC ने जुलाई में रूस की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी देनी की भी सिफारिश की थी, लेकिन भारत में ट्रायल नहीं होने के चलते सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इसे कैंसिल कर दिया था.
सरकार ने पहले की रिपोर्टों के अनुसार, रूस के एक खुराक कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के घरेलू स्तर पर निर्यात की अनुमति दी थी. स्पुतनिक लाइट रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के घटक-1 के समान है, जिसका उपयोग अप्रैल में भारत के ड्रग रेगुलेटर से आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्राप्त करने के बाद भारत के एंटी-कोविड इनोक्यूलेशन कार्यक्रम में किया जा रहा है.
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वेबिनार में आरडीआईएफ ने रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन पर सैन मैरिनो गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के वास्तविक दुनिया के आंकड़ों की भी घोषणा की, यह प्रदर्शित करता है कि यह दूसरी खुराक देने के बाद 6 से 8 महीने तक कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ 80 प्रतिशत प्रभावी है.