कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से पूरी दुनिया टेंशन में आ गई है. भारत में अब तक ओमिक्रॉन के दो मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. इसके साथ ही 30 देशों में ओमिक्रॉन के मरीज पाए गए हैं. इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित आईजीआई एयरपोर्ट से 12 संदिग्ध ओमिक्रॉन मरीजों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन 12 लोगों में से 4 की रिपोर्ट rtpcr में पॉजिटिव आए है, 4 मरीजों की कोविड-19 rat-rtcpr रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जबकि 4 मरीजों में कोरोना के लक्षण देखे गए हैं, उनकी रिपोर्ट आने का इंतजार है। सभी 12 लोगों के सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए एलएनजेपी लैबोरेट्री भेज दिया गया है।
3 दिन में आएगी रिपोर्ट
एलएनजेपी जिनोम सीक्वेंसिंग लैबोरेट्री की क्षमता पहले 40 सैंपल प्रतिदिन की थी, अब उसे बढ़ाकर के 100 सैंपल प्रतिदिन तक कर दिया गया है, लेकिन इन 12 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट आने में 4 से 5 दिन का समय लगना था, हमारे पास पहले ही सैंपल आ चुके हैं, लिहाजा उम्मीद है कि 3 दिन में जिनोम सीक्वेंसिंग से यह पता चल जाएगा कि इन मरीजों में किसी के अंदर ओमी क्रोन म्यूटेशन है या नहीं।
अधिकांश भारतीय, एक मरीज में बुखार के लक्षण:
हमारे पास जो 12 मरीज भर्ती हुए हैं उनमें से 11 पूरी तरह से एसिंप्टोमेटिक हैं ,एक मरीज को हल्के बुखार की शिकायत है उसका इलाज किया जा रहा है। अधिकांश मरीज भारतीय हैं।
ओमी क्रोन की पुष्टि के बाद हेल्थ वर्कर की भी होगी कांटेक्ट ट्रेसिंग:
अभी तक हमने हमारे डॉक्टर और अन्य हेल्थ वर्कर को जो संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रहे हैं अलग से आइसोलेशन में नहीं रखा है। हम प्रोटोकॉल के हिसाब से काम कर रहे हैं । अगर किसी मरीज की जिनोम सीक्वेंसिंग में ओमीक्रोन म्यूटेशन की पुष्टि होती है ,तो हम सभी हेल्थ वर्कर की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के तहत जांच करवाएंगे।
अस्पताल की सुरक्षा के लिए केंद्र में भेजें आइटीबीपी के जवान:
हमारी जिनोम सीक्वेंसिंग कैपेसिटी अच्छी है। दिल्ली में एक और लैबोरेट्री है, जहां की कैपेसिटी एलएनजेपी से भी ज्यादा है। अभी हमने केंद्र सरकार से मदद नहीं मांगी है जहां तक अस्पताल की सुरक्षा का सवाल है। केंद्रीय सुरक्षा बल हमें दिए गए हैं, अब एलएनजेपी की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी के जवानों की तैनाती की गई है ।
Source : News Nation Bureau