इबोला और जीका वायरस के बाद अब देश पर एक सुपरबग का खतरा मंडराने लगा है। ये एक ऐसा भारतीय सुपरबग है जिस पर किसी भी ऐंटीबायोटिक का असर नहीं होता है। इसकी सुपरबग की जानकारी 70 वर्षीय अमेरिकी महिला की मौत होने पर पता लगी। यह महिला दो साल पहले अपने थाइ बोन फ्रैक्चर का इलाज कराने दिल्ली आई थी।
डॉक्टर्स ने बताया कि महिला के घाव के नमूनों से यह पुष्टि की है कि उसके अंदर न्यू डेली मैटालो-बीटा-लैक्टमेस (NDM) नाम का सुपरबग पाया गया। महिला को अलग-अलग 26 एंटीबायोटिक्स दी गई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।अमेरिकी डॉक्टर ली चैन का कहना है कि इसमें कोई आशंका नहीं कि महिला को यह इंफेक्शन भारत में ही हुआ है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि उच्च मृत्यु दर से जुड़े मल्टिड्रग रेसिस्टेंट संरचना कार्बापेनेम रेसिस्टेंट इंटेरोबेक्टिरियासी (सीआरई) के कारण संक्रमण हुआ। उन्होंने बताया कि सीआरई अमेरिका में नया नहीं है। नई बात यह है कि यह एंटीबायोटिक का बाधक है।
इस बात के सामने आने के बाद से डॉक्टर और शोधकर्ता परेशान हैं, क्योंकि जो सुपरबग महिला में पाया गया उस पर कोई भी एंटीबायॉटिक्स का असर नहीं करते।
Source : News Nation Bureau