दिल्ली सरकार की तरफ से चलाए जाने वाले सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में एक सर्जन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक वरिष्ठ डॉक्टर ने गलती से मरीज के पैर की सर्जरी कर दी जो सिर की चोट के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
गुरुवार को सिविल लाइन स्थित अस्पताल में डॉक्टर ने एक मरीज के दाहिने पैर में पिन डालने के लिए एक छेद बनाया। जबकि उस रोगी को एक्सीडेंट के बाद सिर और चेहरे की चोटों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हालांकि गलती का एहसास होते ही डॉक्टर ने पिन निकाल लिया।डॉक्टर गलती से इस मरीज को दूसरा मरीज समझ बैठे थे।
इस मामले पर अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक अजय बहल ने कहा, 'जैसा कि उपचार प्रक्रिया के मुताबिक डॉक्टर ने मरीज का पैर सुन्न कर दिया था, तो उसको इस का एहसास भी नहीं हुआ।' बहल के मुताबिक गलती सामने आते ही मरीज का सही उपचार कर दिया गया।
मौजूदा कार्यवाही के अनुसार अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर की गलती पाई है और उन्हें सर्जरी करने से भी रोक दिया है। बहल का कहना है कि अब उन पर एक समिति भी गठित की गई है जो उनके काम पर निगरानी रखेगी। दोषी पाए जाने पर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दे कि इससे पहले हाल ही में ऐसा ही एक और मामला सामने आया था, जहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची 30 साल की एक महिला पर कथित तौर पर डायलिसिस के लिए अपनाया जाने वाला मेडिकल प्रोसेस शुरू कर दिया था। इतना ही नहीं डॉक्टर ने अपनी गलती छिपाने के लिए मरीज से जुड़े दस्तावेजों में भी छेड़छाड़ की थी।
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Source : News Nation Bureau