बरसात में मौसम में मच्छरों का प्रकोप सबसे ज्यादा बरपता है. डेंगू (Dengue), मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी भयंकर बीमारी फैलती है. कभी-कभी तो ये बीमारी जानलेवा भी साबित होता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप खुद को मच्छरों से बचाकर रखें.
डेंगू बीमारी डेंगू नाम के वायरस की वजह से होता है. इस वायरस को आपके शरीर में पहुंचाता है एडिस नाम का मच्छर. डेंगू से बचना है तो इस मच्छर से बचकर रहना चाहिए. आइए बताते हैं इस मच्छर के बारे में. सबसे पहली बात ये मच्छर दिन के वक्त हमला करता है.
डेंगू मच्छर इस वक्त रहता है एक्टिव
डेंगू का मच्छर सूर्योदय से कुछ घंटे पहले और सूर्यास्त के कुछ घंटे बाद तक ज्यादा एक्टिव रहता है. यह मच्छर ज्यादा ऊंचाई पर नहीं उड़ पाता है. इसलिए वो इंसान के एड़ी या फिर कोहली पर ही काटता है.
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एडिस मच्छर की ये है पहचान
एडिस मच्छर का आकार बेहद छोटा होता है. गहरे रंग का होता है. इस मच्छर की टांगें लंबी होती है. मच्छर की टांगों पर सफेद और काली रंग की धारियां देखकर समझ जाइए कि ये एडिस ही है.
डेंगू बीमारी का लक्षण
ये मच्छर साफ पानी में अंडा देता है. इस मच्छर के काटने से लाल चकत्ता पड़ता है. सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन इसके प्रमुख लक्षण हैं. कई मामलों में रोगियों को त्वचा, नाक या मुंह से खून आने की भी समस्या होती है. सही वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मरीज की मौत भी हो जाती है.
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घर में पानी को जमा नहीं होने दें
डेंगू मच्छर को घर में पनपने से रोकने के लिए घर के अंदर पानी नहीं जमने देना चाहिए. कूलर, गमले या फिर टायर में पानी को नहीं जमने दे. आसपास फॉगिंग करवाए. कूलर में दो दिन पर पानी को साफ करें. इसमें केरोसिन तेल जाले.
मच्छरों से निपटने के लिए नियमित रूप से घर के कोने-कोने में स्प्रे या कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. कोने-कोने में फॉगिंग करें. सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें.
Source : News Nation Bureau