डायबिटीज ( Diabetes) यानी की मधुमेह आजकल कॉमन बीमारी बनती जा रही है. इस बीमारी से अब बूढ़े लोग ही नहीं बल्कि जवान लोग यहां तक कि बच्चे भी इसके शिकार तेजी से हो रहे हैं. बता दें कि डायबिटीज ( Diabetes) लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है. अगर डायबिटीज ( Diabetes) के मरीज अपने लाइफस्टाइल को बैलेंस रखें तो वह इसे पूरी तरह से कंट्रोल कर सकते हैं. वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी गलतियां जो डायबिटीज ( Diabetes) के मरीजों पर भारी पड़ सकती है.
वजन
डायबिटीज ( Diabetes) के मरीजों के लिए अधिक वजन होना एक गंभीर समस्या है. मोटापा कंट्रोल में न रहने पर शुगर के मरीजों को कई दूसरी तरह की समस्याएं होने लगती हैं. साथ ही उनका शुगर लेवल भी बढ़ने लगता है. आमतौर पर शुगर के मरीज खाने को लेकर बदपरहेजी करते हैं. जिसके कारण उनक वजन तो बढ़ता है साथ ही उनकेा शुगर लेवल भी बढ़ने लगता है.
पानी
डायबिटीज ( Diabetes) के मरीजों के लिए सही मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी होता है. पानी पीने से आपके शरीर के ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज जमा नहीं होता जिससे आपका शुगर कंट्रोल में रहता है. लेकिन आजकल कई लोग पानी की जगह कोल्डड्रिंक या डिब्बा बंद जूस पीते हैं, जिसमें शुगर की मात्रा भी होती है. जिसको पीने से डायबिटीज ( Diabetes) के मरीजों का शुगर लेवल बढ़ जाता है. इसलिए शुगर के मरीजों के लिए डिब्बा बंद जूस और कोल्डड्रिंक को पूरी तरह से ना कह देना चाहिए.
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नशा
शुगर के मरीजों के लिए नशा करना भी बहुत हानिकारक है. शराब और सिगरेट पीना डायबिटीज ( Diabetes) के मरीजों के लिए के जानलेवा है. सिगरेट पीने से टाइप 2 डायबिटीज के सभी अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. जबकि शराब का सेवन करने से शुगर के मरीजों की इंसुलिन क्षमता कम होने लगती है. वहीं, शराब पीने से उनका लीवर भी कमजोर होने लगता है जो कि डायबिटीज ( Diabetes) के मरीजों के लिए खतरनाक है.
नींद और तनाव
नींद की कमी और तनाव भी डायबिटिक लोगों के लिए बड़ी समस्या है. डायबिटिक लोगों को अगर तनाव होता है तो उन्हें हार्ट अटैक का सामना भी करना पड़ सकता है. तनाव होने से शुगर भी बढ़ने लगता जिससे मरीजों क साइलेंट हार्ट अटैक आने की संभावना रहती. ऐसे मरीज की जान भी जा सकती है. इसके साथ ही अगर वह 8 से 9 घंटे की नींद नहीं लेते हैं ऐसे में शुगर के मरीजों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे उन्हें ब्रेन स्ट्रोक भी आ सकता है.
करसत
डायबिटिक लोगों के लिए करसत करना भी बेहद जरूरी होता है. शुगर के मरीजों के लिए कसरत या सुबह शाम की वॉक वरदान होती है. वॉक करने से डायबिटिक लोगों के बहुत तरह के फायदे होते हैं. वॉक करने से इससे मरीजों का खाना आसानी से पच जाता है जिससे शरीर में ग्लूकोज जमा नहीं होता और उनका शुगर लेवल कंट्रोल रहता है. वहीं, शुगर के मरीजों को हल्का खाना खाने की सलाह दी जाती है. हाईकैलोरी वाला खाना मरीजों के वजन को तो बढ़ाता ही है साथ ही वह हार्ट पर बुरा प्रभाव डालता है.
अनुवाशिंक बीमारी
बता दें कि डायबिटीज ( Diabetes) लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है. डॉक्टर की मानें तो डायबिटीज ( Diabetes) को अनुवाशिंक बीमारी के तौर पर माना जाता है. जिनके परिवार में किसी को डायबिटीज है तो ऐसे परिवार के अन्य लोगों को अपने वजन और लाइफस्टाइल से जुड़ी चीजों को ठीक रखना चाहिए. अगर परिवार में लंबे समय से किसी को डायबिटीज की बीमारी है तो परिवार के अन्य सदस्यों को खासकर 40 की उम्र पार करने के बाद डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है.
वहीं, अगर शुगर के मरीज लाइफस्टाइल को संतुलित और अपने खाने-पीने का ध्यान रखेंगे तो उन्हें शुगर को कंट्रोल करने के लिए किसी भी तरह की दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही वह नॉर्मल लोगों की तरह अपना जीवन जी सकेंगे.