Advertisment

ऐसे रखें अपने हार्ट का ध्यान, नहीं तो जल्दी बुला लेंगे भगवान

हार्ट (heart) बॉडी का सबसे सेंसिटिव और जरूरी ऑर्गन है. ये जानते तो सब है लेकिन फिर भी हार्ट का ख्याल रखने में लापरवाही बरतते हैं. अगर कुछ सेकेंड्स के लिए भी हार्ट काम करना बंद कर दे, तो इंसान की पूरी तरह मरने या कोमा में जाने तक की नौबत आ जाती है.

author-image
Megha Jain
एडिट
New Update
Heart

Heart ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

हार्ट (Heart) बॉडी का सबसे सेंसिटिव और जरूरी ऑर्गन होता है. ये जानते तो सब है लेकिन फिर भी हार्ट का ख्याल रखने में लापरवाही बरतते हैं. अगर कुछ सेकेंड्स के लिए भी हार्ट काम करना बंद कर देता है. तो इंसान की पूरी तरह मरने या कोमा में जाने तक की नौबत आ जाती है. इसलिए अपने हार्ट की हेल्थ पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है. आमतौर पर हार्ट अटैक (heart attack) के सबसे ज़्यादा मामले 45 की उम्र के बाद ही देखने को मिलते हैं. मगर आज के स्ट्रेस और टेंशन वाले माहौल में इसके साइन 30 साल की उम्र के बाद ही दिखने शुरू हो जाते हैं. ऐसे में शरीर में दिखने वाले छोटे-मोटे सिंप्टम्स को नज़रअंदाज़ करने के बजाय उन पर ध्यान देना आपको हार्ट अटैक जैसी सीरियस बीमारी से बचा सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको उन 5 सिंप्टम्स के बारे में बताएंगे जो दिल की बीमारी के प्रति आपको सावधान करते हैं. 

यह भी पढ़े : अब नहीं बहाना पड़ेगा जिम में पसीना, कुछ मिनटों की इन एक्सरसाइज से आसान है वजन घटाना

हार्ट में प्रॉब्ल्म का सबसे पहला और मेन साइन तो सीने में दर्द ही है. लेकिन ये साइन अक्सर बहुत बाद की स्टेज में दिखता है. हालांकि आजकल 25-30 की उम्र में भी युवा हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. हर साल, 30 साल से कम उम्र के हजारों लोगों की मौत कार्डियोवस्कुलर (Cardio Vascullar) बीमारियों से होती है. इसलिए सीने में दर्द को कुछ और समझकर नज़रअंदाज़ ना करें. सीने में दर्द के साथ-साथ अगर पसीना भी आ रहा है, तो जल्द से जल्द इसका इलाज कराना बेहद जरूरी होता है. 

यह भी पढ़े : कई देशों में टीकाकरण की बिगड़ती स्थिति के बीच तीसरी खुराक खरीदने वाले देशों पर WHO ने जताई नाराजगी

वहीं दूसरी ओर अगर सीढ़ियां चढ़ते टाइम आप हांफने लगते है. तो, ये भी चिंता की बात है. अगर आपको हल्का या भारी काम करने से जल्दी थकावट महसूस हो रही है और साथ ही, सांस फूलने की प्रॉब्लम भी है तो ये किसी खतरे की दस्तक हो सकती है. आमतौर पर 30-40 की उम्र में 20-25 सीढ़ियां तेज़ स्पीड से चढ़ना कोई मुश्किल काम नहीं है. लेकिन अगर इस उम्र में सीढ़ियां चढ़ते हुए थकान हो रही है, सांस उखड़ रही है. या चलते हुए जल्दी-जल्दी रुकना पड़ता है. तो ये हार्ट प्रॉब्लम के साइन हो सकते हैं.

यह भी पढ़े : महिलाओं की लापरवाही से बन सकता है उनका शरीर इन 5 गंभीर बीमारियों का अड्डा

वैसे तो ये सुनने में थोड़ा नहीं बहुत अजीब लगेगा. लेकिन, ये सच है कि अगर आपको शरीर के किसी भी हिस्से में झनझनाहट महसूस हो रही है. तो ये भी एक खतरे का साइन हो सकता है. ये सीधा हार्ट प्रॉब्लम से जुड़ा हुआ है. हार्ट की प्रॉब्लम का एक बड़ा कारण कोलेस्ट्रॉल (cholestrol) भी है. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर में ब्ल्ड सर्क्युलेशन (blood circulation) ठीक से नहीं होता और हार्ट के लिए खतरा बढ़ जाता है. कोलेस्ट्रॉल अगर बहुत बढ़ गया है, तो शरीर में झनझनाहट की प्रॉब्लम हो सकती है. अगर कुछ दिनों तक लगातार ऐसा होता है कि शरीर के कुछ हिस्सों में लगातार झनझनाहट हो रही है या शरीर के एक तरफ का हिस्सा ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो ये भी हार्ट प्रॉब्लम का साइन हो सकता है. इसलिए इस पर भी ध्यान देना बेहद ज़रूरी होता है. 

Source : News Nation Bureau

symptoms of heart attack pre heart attack symptoms mini heart attack symptoms Heart attack heart attack at 30 male chances of heart attack in 20s odds of heart attack heart attack in 30s rare
Advertisment
Advertisment
Advertisment