इन दिनों समय या उम्र से पहले बाल सफेद होने की समस्या से महिला-पुरुष दोनों ही जूझ रहे हैं. उम्र न होते हुए एक भी सफेद बाल का दिख जाना कुंठा से भर देता है. यही वजह है कि तमाम लोग सफेद बाल (Grey Hair) दिखते ही बजाय उसे वैसे ही छोड़ देने या रंगने के तोड़ कर निकाल देते हैं. यह अलग बात है कि डर्मेटोलॉजिस्ट (Dermatologist) सफद बाल तोड़ने को समस्या का सही समाधान करार नहीं देते. तकनीकी तौर पर मेलानिन (Melanin) नाम का पिग्मेंट हमारी त्वचा और बालों का रंग निर्धारित करता है. इसकी कमी से बाल सफेद होते हैं. डॉ प्रियंका रेड्डी के मुताबिक, 'उम्र बढ़ने के साथ-साथ ऐसा होता है, जो सही भी है. हालांकि अब उम्र से कहीं पहले भी बाल सफेद होने लगे हैं. इन सफेद बालों का सीधा संबंध हमारे जीन से है. हमारे शरीर के जीन ही मेलानिन के उत्पादन को नियंत्रित करते हैं, जिनकी कमी से उम्र से पहले बाल सफेद होने लगते हैं.' हालांकि बालों के सफेद होने के लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं.
सफेद बाल के अन्य जिम्मेदार कारण
विटामिन की कमीः विटामिन बी12, विटामिन डी की कमी से भी उम्र से पहले बाल सफेद होने लगते हैं.
विटिलिगो जैसा ऑटोइम्यून विकारः मेलानिन के बिल्कुल भी नहीं होने की स्थिति विटिलिगो जैसी ऑटोइम्यून विकार की श्रेणी में आती है. मेलानिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाएं मेलानोसाइट्स के नष्ट होने से मेलानिन का उत्पादन रुक जाता है और यह खत्म हो जाता है. ऐसी स्थिति में भी बाल सफेद होने लगते हैं.
थायराइड की समस्याः इसमें भी उम्र से पहले बाल सफेद होने लगते हैं. हालांकि बालों के सफेद होने की स्थिति अस्थायी होती है. थायराइड का इलाज कराने से इससे निजात मिल जाती है.
धूम्रपान, तनाव या नींद की कमीः इनकी वजह से भी न सिर्फ उम्र तेजी से हावी होने लगती है, बल्कि बाल भी असमय सफेद होने लगते हैं. विशेषज्ञों की सलाह यही है कि सफेद बाल तोड़ने से कहीं बेहतर रहेगा हम समय रहते किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह ले लें.
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बाल तोड़ने से जुड़े मिथक, जिन्हें हम नजरअंदाज करें
डॉ प्रियंका रेड्डी के मुताबिक किसी को भी सफेद बाल तोड़ने से बचना चाहिए. सिर्फ इसलिए नहीं कि इससे बालों के सफेद होने की गति तेज हो जाती है. यह सिर्फ एक मिथक है, लेकिन सफेद बाल नहीं तोड़ने के पीछे अन्य कारण हैं. वह कहती हैं, 'फॉलिकल से एक सफेद बाल तोड़ने से दूसरा बाल सफेद नहीं होता, क्योंकि एक फॉलिकल से सिर्फ एक बाल ही निकलता है. इसी तरह सफेद बाल तोड़ने से आसपास के काले बाल भी सफेद नहीं होते. बाल सफेद तभी होता है, जब उसका मेलानिन प्रभावित होता है.'
तो हमें इसलिए नहीं तोड़ना चाहिए सफेद बाल
डॉक्टरों के मुताबिक अगर कोई बालों के सफेद होने के प्रति अधिक संवेदनशील है और उसे देखते ही तोड़ कर फेंक देने का मन करता है, तो भी वह इस पर काबू रखे. भले ही सफेद बाल को तोड़ कर निकाल देना बड़ी बात नहीं लगे, लेकिन यह गंभीर समस्या की ओर ले जा सकता है.
- बाल तोड़ने से फॉलिकल संक्रमित हो सकता है. आगे चल कर यह मवाद से भरी फुंसी में बदल सकता है.
- बार-बार सफेद बाल तोड़ने से उस स्थान पर निशान और बाद में सूजन देने वाली हाइपरपिग्मेंटेशन की स्थिति आ सकती है.
- इस तरह फॉलिकल से बाल झड़ने शुरू हो सकते हैं. कितनी बार सफेद बाल तोड़ने से यह स्थिति आती है, इसकी सटीक गणना नहीं है. फिर भी इतना सिद्ध हो चुका है कि इससे स्थायी तौर पर नुकसान हो सकता है.
- सफेद बाल तोड़ने की आदत से मनोविज्ञान पर भी असर पड़ता है, जिसे ट्रिकोटिलोमेनिया कहते हैं. एक ही फॉलिकल से बार-बार सफेद बाल तोड़ते रहने से कुछ समय बाद बालों को स्थायी नुकसान पहुंचता है.
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समाधान
अगर सिर के अगले हिस्से का बाल सफेद होने से आप परेशान हैं, तो उसे तोड़ने के बजाय कैंची से सावधानी से काट लें. अगर सिर पर ढेर सारे सफेद बाल हैं, तो उन्हें रंगना ही बेहतर विकल्प रहेगा, बजाय तोड़ने के.
HIGHLIGHTS
- सिर के सफेद बाल को तोड़ कर ना निकालें
- उन्हें रंग लें या कैंची से सावधानी से काट लें
- तोड़ने से पेश आ सकती है अन्य समस्याएं