सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों को बड़ी सफलता कटे हुए हाथ को फिर से जोड़ा

36 वर्षीय इंद्रपाल नई दिल्ली के बादली में प्रहलादपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक कारखाने में काम कर रहे थे, दोपहर 2 बजे अचानक मशीन से एक भारी वस्तु उनके हाथ पर गिर गई और उनका बायां हाथ कट गया. पीड़ित को तेज दर्द हुआ और खून की कमी के बाद वह बेहोश हो गया.

author-image
Ravindra Singh
New Update
surgery

सांकेतिक चित्र( Photo Credit : आईएएनएस )

Advertisment

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एक चुनौतीपूर्ण सर्जरी में एक कटे हुए हाथ (एंप्युटेड हैंड) को दोबारा जोड़ दिया गया है. 36 वर्षीय इंद्रपाल नई दिल्ली के बादली में प्रहलादपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक कारखाने में काम कर रहे थे, दोपहर 2 बजे अचानक मशीन से एक भारी वस्तु उनके हाथ पर गिर गई और उनका बायां हाथ कट गया. पीड़ित को तेज दर्द हुआ और खून की कमी के बाद वह बेहोश हो गया. उनके नियोक्ता शरद मरीज को तुरंत अस्पताल ले गए. इसके साथ ही उन्होंने तत्काल कटे हाथ को बर्फ में सुरक्षित रख दिया. दुर्घटना के दो घंटे बाद, 4 बजे इंद्रपाल को सर गंगाराम अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया.

अस्पताल के प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अनुभव गुप्ता के अनुसार, हालांकि, मरीज गोल्डन टाइम पीरियड (आमतौर पर फोरआर्म लेवल की चोट में 3 से 4 घंटे तक की अवधि) के भीतर हमारे पास पहुंच गया. लेकिन यह हमारी लिए चुनौती थी, क्योंकि पीड़ित का फोरआर्म बुरी तरह से कुचला जा चुका था. उन्होंने कहा, इससे विभिन्न संरचनाओं (हड्डी, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं और वाहिकाओं) में कई स्तर की चोटें आईं थी. जैसा कि समय बहुत महत्वपूर्ण था, हमने कोविड परिणाम की प्रतीक्षा किए बिना रोगी को तुरंत सर्जरी करने का फैसला किया. पीड़ित का कोविड टेस्ट बाद में हालांकि नेगेटिव आया."

उन्होंने कहा, चोट की गंभीरता के कारण, हमें माइक्रोवस्कुलर तकनीक का उपयोग करके प्रकोष्ठ का आरोपण करने में छह घंटे से अधिक समय लगा. आधी रात को मरीज को ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकाला गया. वर्तमान में रोगी का हाथ सफलतापूर्वक बच गया है और हमें उम्मीद है कि उसका हाथ जल्द ही फिर से काम करने लगेगा. डॉ. अनुभव गुप्ता ने कहा, नवीनतम सर्जिकल तकनीकों से यह संभव है कि सबसे खराब अंगों को भी फिर से जोड़ा जाए, अगर उन्हें समय पर लाया जाए और अंगों को अच्छी तरह से बर्फ में संरक्षित किया जाए. यह समझना महत्वपूर्ण है कि विच्छेदन वाला हिस्सा बर्फ के सीधे संपर्क में नहीं होना चाहिए. इसे बर्फ के ऊपर साफ पॉलीथीन में रखना चाहिए. 

कोरोना काल में पहली बार 6 जनवरी को हुई थी चेस्ट सर्जरी
देश में कोरोना के बाद पहली बार दक्षिणी दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 55 वर्षीय एक कोविड-19 मरीज की की होल चेस्ट सर्जरी सफलतापूर्वक की गई. अस्पताल ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी. मरीज संजय बत्रा न्यूमोथोरैक्स से पीड़ित था. उसकी छाती की गुहा में हवा की मौजूदगी के कारण फेफड़ा ठीक से काम नहीं कर रहा था. कोविड संक्रमण से उबरने के बाद उसका फेफड़ा फैल नहीं पा रहा था. अस्पताल के अनुसार, मरीज इतना कमजोर था कि उसके सीने की खुली सर्जरी संभव नहीं थी. मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट व प्रमुख सर्जन डॉ. शैवाल खंडेलवाल ने कहा, भारत में यह पहली बार है, जब कोविड-19 से संक्रमित मरीज के फंसे हुए फेफड़े की कीहोल सर्जरी की गई. यह मरीज सितंबर में कोविड-19 से संक्रमित हुआ था और अगले महीने उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी.

Source : News Nation Bureau

Big Success to Doctors Sir Ganga Ram Hospital Gangaram Hospital Doctors of Sir Ganga Ram Hospital
Advertisment
Advertisment
Advertisment