बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण:
उदासी: बच्चा अक्सर उदास, चिड़चिड़ा या निराश रहता है.
रुचि का नुकसान: बच्चे को उन गतिविधियों में रुचि नहीं रहती है जो पहले उन्हें पसंद थीं.
भूख में बदलाव: बच्चे का भूख कम या ज्यादा हो सकती है.
नींद में बदलाव: बच्चे को सोने में परेशानी हो सकती है या वह बहुत ज्यादा सो सकता है.
एकाग्रता में कठिनाई: बच्चे को ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो सकती है.
थकान: बच्चा अक्सर थका हुआ या सुस्त महसूस करता है.
निराशा: बच्चा अक्सर निराश या बेकार महसूस करता है.
आत्महत्या के विचार: बच्चा आत्महत्या या मृत्यु के बारे में बात कर सकता है.
आनुवंशिकी: यदि परिवार में किसी को डिप्रेशन है, तो बच्चे में भी डिप्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है.
जीवन की घटनाएं: तलाक, किसी प्रियजन की मृत्यु, या तनावपूर्ण जीवन घटनाएं बच्चों में डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं.
चिकित्सीय स्थिति: कुछ चिकित्सीय स्थितियां, जैसे कि थायरॉइड की समस्याएं, बच्चों में डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं.
दुरुपयोग या उपेक्षा: जिन बच्चों का दुरुपयोग या उपेक्षा की जाती है, उनमें डिप्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है.
थेरेपी: संज्ञानात्मक-व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) बच्चों में डिप्रेशन के उपचार के लिए एक प्रभावी तरीका है.
दवा: कुछ मामलों में, बच्चों को डिप्रेशन के इलाज के लिए दवाएं दी जा सकती हैं.
जीवनशैली में बदलाव: नियमित व्यायाम, स्वस्थ भोजन और पर्याप्त नींद बच्चों में डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है.
अपने बच्चे से बात करें: अपने बच्चे से उसके विचारों और भावनाओं के बारे में बात करें. उसे यह बताएं कि आप उसकी परवाह करते हैं और उसकी मदद करना चाहते हैं.
एक डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें: यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे में डिप्रेशन हो सकता है, तो एक डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें. वे आपके बच्चे का निदान और उपचार कर सकते हैं.
अपने बच्चे को सहायता प्रदान करें: अपने बच्चे को उन गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें जो उसे पसंद हैं. उसे स्वस्थ भोजन खाने, नियमित रूप से व्यायाम करने और पर्याप्त नींद लेने में मदद करें.
अपने बच्चे के लिए एक सकारात्मक वातावरण बनाएं: अपने बच्चे के लिए एक सकारात्मक और प्यार भरा वातावरण बनाएं. उसे यह बताएं कि आप उससे प्यार करते हैं और उसकी परवाह करते हैं.
Source : News Nation Bureau