विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने कहा है कि सरकारें और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट जैसे अन्य उत्पादों के प्रचार पर आसानी से विश्वास न करें. बयान में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट से होने वाला नुकसान कम है, यह तंबाकू कंपनियों के प्रचार की एक रणनीति है. डब्लूएचओ ने अभी जारी 2019 वैश्विक तंबाकू महामारी रिपोर्ट में बताया कि लंबे समय में तंबाकू उद्योग, तंबाकू नियंत्रण के लिए अपनाए जा रहे कदमों के खिलाफ काम कर रहा है.
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कई उद्योगों का कहना है कि पारंपरिक सिगरेट के बदले इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट सुरक्षित है और ये सिगरेट पीने की आदत छोड़ने में मदद करता है. प्रमाण के अनुसार अमेरिकी किशोरों में ई-सिगरेट तेजी से लोकप्रिय हो रही है.
डब्लूएचओ ने रिपार्ट जारी की थी कि इस बात के समर्थन में पर्याप्त सबूत नहीं है. जब सिगरेट पीने वाले पूरी तरह से निकोटीन छोड़ देंगे, तभी उन्हें लाभ मिलेगा. अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन ने हाल के वर्षो में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है.
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डब्लूएचओ तंबाकू नियंत्रण अधिकारी विनायक प्रसाद ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और पारंपरिक सिगरेट पीने से होने वाले नुकसान एक जैसे हैं, सबसे बड़ा अंतर यह है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में कोई स्पष्ट धुआं नहीं है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बाजार के पर्यवेक्षण को मजबूत करना चाहिए, जो डब्लूएचओ का एक स्पष्ट लक्ष्य भी है.