Advertisment

सावधान! दांत भी हो सकती है कैंसर की वजह, ऐसे करें बचाव

देश में दांतों की सफाई के मामले में लापरवाही बरतने वालों की संख्या लगभग 4 से 5 प्रतिशत तक पाई गई है. जो लोग तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन नहीं करते हैं, उनमें टूटे दांतों के बीच ठीक से सफाई न होने के कारण मुंह के कैंसर का जोखिम रहता है.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
toungue cancer

Cancer( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

Advertisment

मुंह के अंदर त्वचा में लगातार जलन रहने या ऐसे दांतों की वजह से जीभ का कैंसर भी हो सकता है. आकड़े बताते हैं कि पिछले छह वर्षो में भारत में होंठ और मुंह के कैंसर के मामले दोगुने से अधिक हो गए हैं. हालत को रोकने के लिए खराब दांतों की स्वच्छता, टूटे हुए, तीखे या अनियमित दांतों की ओर ध्यान देना अनिवार्य है.

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि तंबाकू के उपयोग से ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस जैसे घाव हो सकते हैं, जो उपयोगकर्ता को मुंह के कैंसर के जोखिम में डाल सकते हैं.इसके अलावा यह उपयोगकर्ता के मुंह में अन्य संक्रमणों का भी कारण बन सकती है.

भारत में, धूम्र-रहित तंबाकू (एसएलटी) का उपयोग तंबाकू से होने वाली बीमारियों का प्रमुख कारण बना हुआ है, जिसमें ओरल कैविटी (मुंह), ईसोफेगस (भोजन नली) और अग्न्याशय का कैंसर शामिल है. एसएलटी न केवल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, बल्कि भारी आर्थिक बोझ का कारण भी बनता है.

और पढ़ें:सिर में रहता है लगातार दर्द तो अपनाएं ये घरेलू उपाय, सिर दर्द से मिलेगा छुटकारा

उन्होंने कहा कि ओरल कैंसर के कुछ अन्य जोखिम कारकों में कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, ओरल या अन्य किसी प्रकार के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, पुरुष होना, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) संक्रमण, लंबे समय तक धूप में रहने का जोखिम, आयु, मुंह की स्वच्छता में कमी, खराब आहार या पोषण, आदि शामिल हैं.

डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा, "अरेका नट यानी छाली के साथ एसएलटी का उपयोग करना भारत में एक आम बात है और जैसा कि शुरुआत में कहा गया है, सुपारी क्विड और गुटखा, ये दो चीजें एसएलटी के आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले रूपों में प्रमुख हैं. एरेका नट को क्लास वन कार्सिनोजेनिक या कैंसरकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. साथ ही स्वास्थ्य पर इसके अन्य कई प्रतिकूल प्रभाव भी होते हैं."

उनके कुछ सुझाव-

-तंबाकू का उपयोग न करें. यदि करते हैं, तो इस आदत को छोड़ने के लिए तत्काल कदम उठाएं.

-शराब का सेवन सीमित मात्रा में ही करें.

-धूप में लंबे समय तक न रहें, धूप में जाने से पहले 30 या उससे अधिक एसपीएफ वाले लिप बाम का उपयोग करें.

-जंक और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें या इसे सीमित करते हुए, बहुत सारे ताजे फल और सब्जियों सहित स्वस्थ आहार का सेवन करें.

-शॉर्ट-एक्टिंग निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी जैसे कि लोजेंज, निकोटीन गम आदि लेने की कोशिश करें.

-उन ट्रिगर्स को पहचानें, जो आपको धूम्रपान करने के लिए उकसाते हंै. इनसे बचने या इनके विकल्प अपनाने की योजना बनाएं.

-तंबाकू के बजाय शुगरलैस गम, हार्ड कैंडी, कच्ची गाजर, अजवाइन, नट्स या सूरजमुखी के बीज चबाएं.

-सक्रिय रहें. शारीरिक गतिविधि को तेज रखने के लिए बार-बार सीढ़ियों से ऊपर-नीचे जाएं, ताकि तंबाकू की तलब से बच सकें.

--आईएएनएस

Health News In Hindi cancer tongue cancer Tooth
Advertisment
Advertisment
Advertisment