Dyslexia: कैसे करें डिस्लेक्सिया पीड़ित की पहचान, जानें इसके लक्षण

Dyslexia: डिस्लेक्सिया एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति को शब्दों को सही ढंग से पढ़ने, लिखने, और समझने में कठिनाई होती है, आइए जानें क्या है इसके लक्षण

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Ritika Shree
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symptoms of Dyslexia

symptoms of Dyslexia ( Photo Credit : social media)

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Dyslexia: डिस्लेक्सिया एक न्यूरोडेवेलपमेंटल डिसऑर्डर है जो पढ़ाई में, लेखन में, और स्पेलिंग में कठिनाई पैदा करता है. इसमें व्यक्ति को अक्षर गलतियों में समस्या होती है, जिसके कारण उनका पढ़ाई लेखन प्रभावित होता है. यह समस्या भौतिकी क्षेत्र में भी दिखाई देती है. डिस्लेक्सिया के कारण व्यक्ति शब्दों को सही तरीके से सुनने में भी असमर्थ हो सकते हैं. यह एक जटिल विकार है, और इसका कारण सामान्यतः व्यक्ति के दिमाग में अक्षर गलतियों को पहचानने का क्षमता कम होता है. डिस्लेक्सिया सभी वर्ग और वर्ग-संगठनों में पाया जा सकता है, लेकिन उसके प्रकार और स्तर व्यक्ति के व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं. बॉलीवुड की एक बेहद प्रचलित फिल्म तारे जमीं पर इसी विकार पर आधारित हैं. अगर आंकड़ों की बात करें तो 2016 में डिस्लेक्सिया एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक अनुमान के मुताबिक, भारत में 15 से 20 फीसदी बच्चें इस डिस्लेक्सिया से पीड़ित हो सकते हैं. आइए जानें डिस्लेक्सिया के मुख्य लक्षण: 

पठन में कठिनाई:
व्यक्ति को शब्दों को सही ढंग से पढ़ने में कठिनाई हो सकती है, जिससे उसकी पठन क्षमता प्रभावित होती है.

लेखन में कठिनाई:
व्यक्ति को शब्दों को सही ढंग से लिखने में कठिनाई हो सकती है, जिससे वह अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं कर पाता.

शब्द समझने में कठिनाई:
व्यक्ति को शब्दों का अर्थ समझने में कठिनाई हो सकती है, जिससे समझारू बच्चों के साथ समस्याएं हो सकती हैं.

स्वर में कठिनाई:
व्यक्ति को ध्वनियों को सही ढंग से सुनने में कठिनाई हो सकती है, जिससे वह विशेष रूप से ध्वनियों को सही ढंग से समझने में असमर्थ हो सकता है.

सामान्य नैतिकता में कठिनाई:
डिस्लेक्सिया वाले व्यक्तियों को अक्सर लेखन, पठन, और अन्य शैक्षणिक क्षेत्रों में स्थिति से आत्मसमर्पण में कठिनाई हो सकती है, जिससे उनमें आत्मसमर्पण की कमी हो सकती है.

डिस्लेक्सिया का समाधान शिक्षा, विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा प्रदान की जाने वाली विशेष शिक्षा और विचारात्मक थेरेपी पर निर्भर करता है. यह समस्या समय पर पहचानी और उच्च गुणवत्ता वाले उपायों के माध्यम से प्रबंधित की जा सकती है, जिससे व्यक्ति अपनी क्षमताओं को सुधार सकता है और समाज में समर्थ हो सकता है.

व्यायाम का समय निकालें: नियमित व्यायाम करना नींद को सुधारने में मदद कर सकता है. हालांकि, रात को ज्यादा इंटेंसिव व्यायाम से बचें क्योंकि यह आपकी ऊर्जा को बढ़ा सकता है.

नींद संबंधित आदतें बनाएं: सोने की सही आदतें बनाएं, जैसे कि ताजगी से भरी कमरा, चमकीली बीड़, और ठंडे और शांत माहौल.

उपयुक्त भोजन: रात के समय हल्का और सही भोजन करें, जिसमें कम से कम कैफीन और उच्च गुणवत्ता वाले आहार शामिल हों.

विवादास्पद चीजें बंद करें: रात्रि को ज्यादा विवादास्पद या तनावयुक्त चीजों से बचें, जैसे कि टेलीविजन या सोशल मीडिया.

चिकित्सा पर सलाह: यदि इन उपायों से भी समस्या बनी रहती है, तो चिकित्सक से सलाह लें. कई बार, चिकित्सक आपकी नींद समस्या का कारण और इलाज की गुणवत्ता की मुख्य जानकारी प्रदान कर सकते हैं.

Source : News Nation Bureau

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