आजकल लोग पूरे साल हर तरह के फलों को एन्जॉय कर पाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे फल भी होते हैं जो बेमौसम खाने के कारण बॉडी को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि फल का सही मौसम कौन-सा है और उसे खाने का तरीका क्या है. अगर आपको इस बात की जानकारी पहले से ही होगी तो आप अपनी हेल्थ की देखभाल बेहतर तरीके से कर पाएंगे. तो आज हम यहीं बताएंगे कि किस सीज़न में कौन-सा फल खाने से आपकी बॉडी को फायदा हो सकता है.
जिसमें सबसे पहले नंबर पर अनार आता है. अनार एक ऐसा फ्रूट है जिसे 12 महीने खाया जा सकता है. अनार को हमेशा रूम टेंपरेचर में रखने की सलाह दी जाती है. इन्हें फ्रिज में स्टोर करके नहीं रखा जाता क्योंकि इसके कारण अनार जल्दी गल जाते हैं. अनार को काटने से पहले 10-15 मिनट तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए. इससे उसका छिलका भी सॉफ्ट हो जाता है और काटने में भी आसानी होती है. अनार में आयरन होता है. इसके अलावा, इसमें विटामिन C भी होता है. ऐसे में इन्हें खाने से आपकी बॉडी ज़्यादा अच्छे तरीके से इसे पचा पाती है. इसको रोजाना खाने से हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) भी बढ़ता है.
अमरूद एक ऐसा फ्रूट है जिसे अक्टूबर से लेकर जनवरी तक के महीने में खाया जाता है. सिर्फ हार्ड और लाइट रंग के अमरूद लेने चाहिए. पीले रंग के अमरूद के टेस्ट में ताजगी (freshness) नहीं मिलती. इसके अलावा, कब्ज की समस्या में अमरुद खाना बेहद फायदेमंद होता है.
सेब वह फल है जो सबसे ज्यादा अक्टूबर से लेकर मार्च तक के महीने में खाया जाता है. कुछ लोग सेब को काट कर खाते हैं. लेकिन, सेब को काटकर खाना गलत होता है. साथ ही अगर आपको हाई BP की प्रॉबल्म है तो सेब में नमक डालकर बिल्कुल ना खाएं. खाने से पहले सेब को गर्म पानी में भिगोएं और फिर धोकर खाएं. इसे छिलके के साथ भी खाया जा सकता है.
आम सभी का पसंदीदा फल होता है. इसे सबसे ज्यादा मई से जुलाई तक के महीने में खाया जाता है. लेकिन, आम को पकाने के लिए कार्बाईड नाम के नुकसानदायक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. इसे किसी चीज़ में रैप करके रूम टेंपरेचर पर दो-चार दिनों तक रखा जा सकता है. आम खाने से पहले उसे आधे घंटे तक पानी में डुबोकर रखना चाहिए. उसके डंडी वाले हिस्से को काटने के बाद अच्छी तरह से साफ करना चाहिए. डायबिटीज़ के मरीजों को आम कम खाना चाहिए या यूं कहे कि खाना ही नहीं चाहिए.
संतरे को नवंबर से लेकर मार्च तक के महीने में खाया जा सकता है. कुछ लोग संतरे के हरे छिलके को देखकर ये समझते है कि यह कच्चा होता है. पर ऐसा नहीं होता है. जिन छिलकों में हल्का हरापन होता है. उनका जूस नहीं निकालना चाहिए. यदि डायरेक्ट यानी कि छीलकर खाया जाए तो इसमें मौजूद फाइबर डाइजेशन में पूरी तरह से मदद करते हैं.
Source : News Nation Bureau