ठंड में अक्सर बहुत-सी प्रॉब्लम्स बढ़ने लगती है. जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी वगैराह. लेकिन, वहीं एक प्रॉब्लम और होती है जो कि यूरिक एसिड की होती है. ठंड में बहुत लोगों में ये प्रॉब्लम देखने को मिलती है. ये तब होता है जब किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती और बॉडी के अंदर खून जमा होने लगता है. जिसकी वजह से ये बाद में छोटे पीसिज में टूटकर हड्डियों के बीच बैठ जाती है और इन्हें कमजोर कर देती है. इस प्रॉब्लम को गठिया यानी कि गाउट कहते है. यही नहीं बॉडी में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने से कई दूसरी प्रॉब्लम्स भी शुरू हो जाती है. जिसमें गाउट, जॉइंट पेन, ब्लड प्रेशर और किडनी से जुड़ी बीमारियां शामिल है. लेकिन, अगर इन प्रॉब्लम्स पर ध्यान ना दिया जाए तो ये आगे चलकर बड़ी प्रॉब्लम का रूप ले सकती है. इसलिए, ऐसे टाइम पर खाने-पीने का कास ख्याल रखना चाहिए. जो कि लोग नहीं करते है.
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इस टाइम पर इन दालों के लिए खाने के लिए बिल्कुल मना किया जाता है. जिसमें मसूर की दाल, राजमा, चने और छोले जैसी चीजों को खाने के लिए मना किया जाता है. इनमें प्यूरीन की क्वांटिटी बहुत ज्यादा होती है. इन सभी दालों को खाने से दर्द और सूजन की प्रॉब्लम बढ़ जाती है.
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यूरिक एसिड के पेशेंट्स को मूंग की दाल जरूर खानी चाहिए. ये दाल काफी लाइट और हेल्दी होती है. वैसे भी ज्यादातर खिचड़ी या स्प्राउट्स बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसे किसी भी रूप में खाना फायदेमंद हो सकता है. ना केवल मूंग दाल यूरिक एसिड के पेशेंट अरहर की दाल भी खा सकते है. यूरिक एसिड के पेशेंट मूंग की दाल को खा सकते है. ये दाल खाना बहुत फायदेमंद होता है.