भारत में पान हमेशा से शबे ज्यादा ज़रूरी खान पान में से मौजूद एक स्वीट डिश की तरह रहा है. इसे धार्मिक समारोहों, विवाहों और पूजाओं में शुभ माना जाता है. जानकारों के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान देवों और असुरों द्वारा समुद्र मंथन से निकलने वाली वस्तुओं में से एक पान का पत्ता था. पहले की परंपरा को देखते हुए खाने के बाद राज महाराजा पान का सेवन करते थे. जो एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर की तरह भी कम करता है. पान सिर्फ ऐसे ही मशहूर नहीं हुआ, आयुर्वेद के अनुसार, पान की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं और इसे खाने के कई फायदे हैं.
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पान में न सिर्फ कैलोरी ज़ीरो होती है बल्कि इसमें पानी की मात्रा भी अच्छी होती है. इसमें फैट का स्तर भी कम होता है और प्रोटीन की कुछ मात्रा होती है. इसे आयोडीन, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी2 और निकोटिनिक एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है.
पान के फायदे
पान का इस्तेमाल खांसी, अस्थमा, सिर दर्द, राइनाइटिस, गठिया जोड़ों का दर्द, एनोरेक्सिया आदि के लिए किया जाता है. यह दर्द, जलन और सूजन से राहत देता है. खासी में इसका सबसे अच्छा इस्तेमाल होता है. पान की पत्तियां विटामिन-सी, थियामाइन, नियासिन, राइबोफ्लाविन और कैरोटीन से भरपूर होती हैं. पान के पत्तों में कैल्शियम की मात्रा भी ज्यादा होती है. मसूड़ों की परेशानी होने जैसे खून आना या अन्य तकलीफ होने पर पान को उबालकर उसके पानी से गरारे करना फायदेमंद है.
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Source : News Nation Bureau