1. नाक और गला में आराम नहीं होना: जब नींद में, गले की नसों में या गला चौंकर गुज़रती हुई हवा में रुकावट हो, तो खर्राटे हो सकते हैं.
2. मोटापा: अत्यधिक वजन से, विशेष रूप से चेहरे के आसपास जमा वसा, गले को ब्लॉक कर सकता है और खर्राटे पैदा कर सकता है.
3. अल्कोहल या धूम्रपान: अधिक मात्रा में अल्कोहल लेना या धूम्रपान करना, गले की नसों को संचालित करने में कठिनाई पैदा कर सकता है, जिससे खर्राटे होते हैं.
4. साँस की समस्याएँ: चीरने वाली सांस या सांस लेने की कोई अन्य समस्या खर्राटे को बढ़ा सकती है.
5. नींद की गलत ढंग से लेना: बेताब या विश्रांत नींद के अभाव में, व्यक्ति खर्राटे मार सकता है.
1. वजन नियंत्रण: पौधों पर आधारित आहार खाने से आपका वजन नियंत्रित रहता है, जिससे खर्राटे की संभावना कम होती है.
2. संज्ञानात्मक अस्वास्थ्यकर आहार से बचें: पौधों पर आधारित आहार खाने से आपके शरीर के आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार होता है, जिससे संज्ञानात्मक अस्वास्थ्यकर आहार के कारण खर्राटे की संभावना कम होती है.
3. हल्का भोजन: पौधों पर आधारित आहार में हल्के और पाचनशील तत्व होते हैं, जो रात को खर्राटे की संख्या को कम कर सकते हैं.
4. उचित हाइड्रेशन: पौधों पर आधारित आहार खाने से आपका शरीर सही मात्रा में पानी प्राप्त करता है, जिससे गले की आवाज को कम करने में मदद मिल सकती है.
5. शांति और आराम: पौधों पर आधारित आहार सेवन से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है, जिससे खर्राटे कम हो सकते हैं.
Source : News Nation Bureau