मधुमेह के उपचार में कारगर साबित हो चुकी ‘एंटी-ऑक्सीडेटिव’ औषधि मधुमेह से पीड़ित कोविड-19 संक्रमित मरीजों के उपचार में सहायक हो सकती है. अनुसंधानकर्ताओं ने यह दावा किया है. हालांकि अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इसके फायदों की पुष्टि के लिए जल्द बड़े स्तर पर प्रायोगिक परीक्षण किए जाने की जरूरत है. राष्ट्रीय जैवप्रौद्योगिकी सूचना केंद्र (एनसीबीआई) में प्रकाशित समीक्षा में उन्होंने कहा है, 'एंटी-ऑक्सीडेटिव हर्बल औषधियों को मधुमेह से पीड़ित और कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के उपचार में सहायक के रूप में आजमाया जा सकता है. संक्रमण के प्रभाव को रोकने में भी इसकी उपयुक्त भूमिका हो सकती है.
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सीएसआईआर- राष्ट्रीय वनस्पति विज्ञान अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के पूर्व वैज्ञानिक ए के एस रावत ने कहा, 'कुछ जड़ी-बूटी या औषधि एंटी-ऑक्सीडेंट के तौर पर काम करते हैं और रक्त शर्करा का स्तर कायम रखते हुए मुक्त कण को नियंत्रित करते हैं.' उन्होंने गिलोय,दारुहरिद्रा, गुड़मार, मिथिका और मजीठ जैसी जड़ी-बूटियों के सत्व का इस्तेमाल कर विकसित मधुमेह की दवा बीजीआर-34 का हवाला दिया.
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इस फॉर्मूला को केंद्रीय औषधीय एवं संगध पौधा संस्थान (सीआईएमएपी) के साथ तालमेल से एनबीआरआई द्वारा खास तौर पर विकसित किया गया है. पिछले साल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) द्वारा स्वतंत्र तरीके से किए गए परीक्षण में बीजीआर-34 दवा को डायबिटीज टाइप-2 के इलाज में प्रभावी पाया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक मधुमेह से पीड़ित मरीजों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है.
Source : Bhasha