Erectile Dysfunction: नपुंसकता की समस्या यानी की Erectile Dysfunction आजकल सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों में ही नहीं बल्कि कम उम्र के युवाओं में भी देखने के मिल रही है. सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यह समस्या कोविड के बाद और बढ़ गई है. वहीं, इस समस्या के बढ़ने के बाद युवाओं में डिप्रेशन भी देखने को मिल रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक युवाओं में बढ़ रहे इरेक्टाइल डिसफंक्शन का बड़ा कारण उनका लाइफस्टाइल है, जिसके कारण ढ़ेर सारे युवक नपुंसकता की समस्या के शिकार हो रहे हैं. आइए समझते हैं इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय.
नपुंसकता की समस्या के कारणों की बात करें तो आजकल के माहौल में इसका सबसे बड़ा कारण है खराब लाइफस्टाइल. लाइफस्टाइल खराब होने के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या युवाओं में पनपने लगती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अनहेल्दी खाना, फिजिकल एस्टिविटी का कम होना, स्मोक की लत, ज्याद नशा करना, सही तरीके से नींद न लेना ये सारी चीजें इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) को बढ़ावा देती हैं.
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या युवाओं में होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल है. स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपके लिए हानिकारक है. इससे आपकी जीवनशैली निष्क्रिय होने लगती है जिसके कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने लगता है.
नपुंसकता की समस्या का एक बड़ा कारण पोर्नोग्राफी भी है. नौजवानों द्वारा पोर्नोग्राफी का अधिक इस्तेमाल और पोर्नोग्राफी एडिक्शन उनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या को बढ़ा देती है. पोर्नोग्राफी के कारण युवा कई बार डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं जिससे उनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने लगता है.
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वहीं, आजकल के युवा करियर को लेकर बहुत दबाव में रहते हैं. जिसके कारण उन्हें मानसिक तनाव का समना करना पड़ता है. कई बार नीजि जीवन की समस्या भी उन्हें भावनात्मक तनाव का शिकार बना लेती है. दूसरी ओर युवा कम उम्र में असुरक्षित यौन संबंध, डेटिंग एप्लिकेशन, ब्रेकअप जैसी स्थितियों का शिकार होने लगते हैं. जिसके कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) का मर्ज बढ़ने लगता है.
इरेक्टाइल डिसफंक्शन से बचने के उपाय
इरेक्टाइल डिसफंक्शन अगर बढ़ने लगे और इसके कारण आपको तनाव भी हो रहा है तो ऐसी स्थिति में बेहिचक डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. डॉक्टर आपकी स्थिति के हिसाब से आपको सही सलाह देंगे. इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज इस पर निर्भर करता है कि स्थिति कितनी गंभीर है.
वहीं आप इलाज के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे व्यायाम, सेहतमंद खाना, स्मोकिंग छोड़ना, शराब कम पीना जैसे चीजों को जीवन में अपनाकर इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को कम कर सकते हैं.
इसके साथ ही, दवाइयां, वैक्यूम पम्प थेरपी के जरिए भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज किया जाता है. इसके अलावा इंजेक्शन भी इसे ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है. जिसके जरिए दवा को सीधे लिंग में भेजा जाता है जिससे ब्लड फ्लो में सुधार होता है और इरेक्शन होने में मदद मिलती है.
वहीं, कई मामलों में अगर स्थिति गंभीर होती है तो ब्लड सर्जरी करके इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को दूर किया जाता है. हालांकि ऐसी स्थिति रेयर ही होती है जब इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए सर्जरी की जरूरत पड़े. आमतौर पर लाइफस्टाइल में सुधार और दवाओं के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है.