Eye Twitching: कई बार हमारा शरीर हमें बड़ी बीमारियों के आने सूचना काफी पहले से ही दे देता है. लेकिन जानकारी के अभाव या फिर भागती दौड़ती जिंदगी के बीच हम इस पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं. नतीजा या तो गंभीर बीमारी हमें या हमारे किसी अपने को जकड़ लेती है. लेकिन समय रहते हैं शरीर के संकेतों को पहचान लें तो हमारे लिए मुश्किल काफी हद ना सिर्फ कम हो सकती है, बल्कि हम बड़ी बीमारियों के जंजाल से भी मुक्त हो सकते हैं. कुछ ऐसा ही इशारा करती हैं हमारी आंखें. जी हां आंखें शरीर का महत्वपूर्म अंग है. इसी के जरिए हम दुनिया की खूबसूरती को देख पाते हैं. लेकिन ये आंखे इसके अलावा हमें बहुत बड़े इशारे भी देती है. कैसे आइए जानते हैं.
आंखों के फड़कने से मिलते हैं संकेत
कई बार आपने ये नोट किया होगा कि, आपकी आंखें फड़कने लगती हैं. आप सोच रहे होंगे, कि आंखों के फड़कने से क्या होता है ये तो एक सामान्य प्रक्रिया है. बिलकुल ये एक सामान्य प्रक्रिया है और अकसर लोगों की आंखें फड़कती रहती हैं, लेकिन कभी-कभी इनका लगातार फड़कना गंभीर बीमारियों की ओर भी इशारा करता है.
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आंखों के फड़ने से छिपा है इन बीमारियों का इशारा
वैसे आंखें फड़कने के पीछे वैज्ञानिक कारण होता है. ये कारण है पलक की मांसपेशियों में ऐंठन का. इसी वजह से कभी भी किसी की भी आंख फड़क सकती है. आंखें फड़कर एक दो दिन में बंद हो जाए तो ये सामान्य है. लेकिन अगर ये अवधि एक दो हफ्ते या महीने तक पहुंच जाए तो ये बड़ा इशारा है. दरअसल आंखों के फड़कने की वजह से दो गंभीर बीमारियां होती हैं. पहली बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज्म और दूसरी हेमीफेशियल स्पाज्म.
क्या है बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज्म?
बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज्म आंखों से जुड़ी गंभीर समस्या है. इस बीमारी के दौरान लगातार आंखों के फड़कने के साथ-साथ आपके आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. जो आंखों की रोशनी के लिए भी घातक है.
लक्षण
- आंखें फड़कने लगती हैं.
-इस दौरान अगर आप पलकें झपकाते हैं तो दर्द महसूस होता है
- आंखों में सूजन दिखाई देने लगती है
- धुंधला दिखाई देने लगता है
- ज्यादा रोशनी बर्दाश्त नहीं होती
क्या है हेमीफेशियल स्पाज्म?
ये बीमारी भी आंखों के फड़कने से ही शुरू होती है. आंखों के लगातार फड़ने के कारण संबंधित व्यक्ति हेमीफेशियल स्पाज्म का शिकार हो जाता है. ऐसे में पलकों की मांसपेशियों के साथ-साथ इसका सीधा असर आपके चेहरे पर दिखाई देने लगता है. इस बीमारी में चेहरे का कुछ हिस्सा भी सिकुड़ने लगता है.
लक्षण
- आंखों का फड़कते रहना
-पलकों खोलते-बंद करते वक्त दर्द महसूस होना
-चेहरे को खोलने या बंद करने या मोड़े में दिक्कत
- गालों में खिंचाव महसूस होना
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ऐसे करें बचाव
अगर आपकी आखें फड़कने लगती हैं और आपको लगता है कि, कुछ लक्षण आप महसूस कर रहे हैं तो कुछ उपाय आपको तुरंत करना शुरू कर देना चाहिए. वैसे तो सबसे बेहतर होगा कि आप चिकित्सक की सलाह ले लें. इसके अलावा आप दिमाग और आंखों को शांत या आराम देने का काम करें. यही नहीं अपने दैनिक खान-पान में भी बदलाव करना शुरू कर दें. हरी सब्जियां, फल और पानी अधिक मात्रा में पीएं. इससे शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलेगी.
आंखों को आराम देने के लिए गुलाब जल या फिर डॉक्टर की सलाह से आई ड्रॉप भी डाल सकते हैं. ज्यादा देर कम्प्यूटर, टीवा या मोबाइल के सामने ना बैठें. आंखों के व्यायाम भी करें.
HIGHLIGHTS
- आंखों लगातार फड़कना बढ़ा सकता है मुश्किल
- आंखों के फड़कने से हो सकती हैं दो गंभीर बीमारियां
- आंखें देने लगती है बीमारी के संकेत
Source : News Nation Bureau